प्रियंका का राजनीतिक महत्व कांग्रेसियों ने नहीं समझा
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Feb 08, 2012, 15:51 pm IST
Keywords: कपिल सिब्बल कांग्रेस इंदिरा गांधी जवाहर लाल नेहरू रजिया सुलतान सिरीमावो वंडारनायके शेख हसीना बेगम खालिदा जिया प्रियंका गांधी सोनिया गांधी
कपिल सिब्बल जैसे अपराध शास्त्र के विशेषज्ञों से राजनीतिक समझ की उम्मीद करना फिजूल है जिसका प्रायश्चित कांग्रेस को करना पड़ रहा है। यदि कांग्रेस ने प्रारंभ से ही पुत्र मोह में न फंस कर राजनीतिक दृष्टि से प्रियंका गांधी को विरासत संभलवा दी होती तो तो निश्चित रूप से कांग्रेस की स्थितियों में अप्रत्याशित रूप से सुधार हो गया होता। इसका एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक कारण है जिसकी उपेक्षा नहीं की जा सकती। सिर्फ एशियाई समाज में परम्परा के अनुसार बहुओं से ज्यादा बेटियों की स्वीकार्यता रही है। मध्यकालीन भारतीय इतिहास में चाहे अल्तमस की बेटी रजिया सुलतान हो या आधुनिक काल के इतिहास में जवाहर लाल नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी हो, बेटियों का भी इतिहास रहा है। इस तथ्य के सूत्र ब्रिटेन के इतिहास में भी देखे जा सकते हैं। ब्रिटेन की राजशाही परम्परा में कारण जो भी रहा हो, बेटियों को सम्मान मिलता रहा है और उन्हे राजगद्दी की उत्तराधिकारी के रूप में ब्रिटेन की जनता ने स्वीकार किया हैं।
राधेश्याम तिवारी
लेखक राधेश्याम तिवारी हिन्दी व अग्रेज़ी के वरिष्ठतम स्तंभकार, पत्रकार व संपादकों में से एक हैं। देश की लगभग सभी पत्र-पत्रिकाओं में आपके लेख निरंतर प्रकाशित होते रहते हैं। फेस एन फैक्ट्स के आप स्थाई स्तंभकार हैं।
ये लेख उन्होंने अपने जीवनकाल में हमारे लिए लिखे थे. दुर्भाग्य से वह साल २०१७ में असमय हमारे बीच से चल बसे
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