टेलीविजन पर छाए हैं मध्यम आयु के पुरुष
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Jan 10, 2012, 12:36 pm IST
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नई दिल्ली: इन दिनों भारतीय टेलीविजन पर मध्यम आयु वर्ग के पुरुष छाए हुए हैं। राम कपूर, समीर सोनी से लेकर रॉनित रॉय और मोहनीश बहल तक हर कोई विभिन्न टीवी कार्यक्रमों में मुख्य भूमिका में हैं। यकीनन पुरुष अभिनेताओं के लिए काम के अवसर बढ़े हैं। अड़तीस वर्षीय राम रोमांसप्रधान शो 'बड़े अच्छे लगते हैं' में एक मध्यम आयु के व्यवसायी की भूमिका में हैं। वहीं 47 वर्षीय मोहनीश 'कुछ तो लोग कहेंगे' में डॉ. आशुतोष की भूमिका में हैं और 46 वर्षीय रोनित 'अदालत' में एक वकील के.डी. पाठक की भूमिका निभा रहे हैं। इन कार्यक्रमों में नया कुछ भी नहीं है लेकिन इनसे चैनल्स को सास-बहू के धारावाहिकों से कुछ हद तक निजात मिली है। जब सोनी चैनल पर प्रसारित 'सास बिना ससुराल' को सफलता मिली तो फिर उस पर 'बड़े अच्छे लगते हैं' का प्रसारण शुरू हुआ। 'बड़े अच्छे लगते हैं' एक 40 के आसपास उम्र के व्यवसायी व 30 की उम्र की कामकाजी महिला की कहानी है, दोनों का अभिभावकों की मर्जी से विवाह होता है। इस धारावाहिक से सोनी की टीआरपी भी बढ़ी। सोनी टीवी के काल्पनिक कार्यक्रमों के प्रमुख वीरेंद्र शहाणे कहते हैं, "बीते कुछ साल से सोनी चैनल अच्छा नहीं कर रहा था। इसलिए हमें कुछ अलग दिखाना था। हम सोच रहे थे कि कौनसा शो दिखाया जाए। मैं खुश हूं कि अब परिणाम सकारात्मक हैं और इनसे इस तरह के कार्यक्रमों का चलन स्थापित हुआ है।" 'कुछ तो लोग कहेंगे' 80 के दशक के एक पाकिस्तानी शो 'धूप किनारे' का भारतीय संस्करण है। शो के निर्माता राजन शाही मजबूत कहानी व बुद्धिमान दर्शकों को इस शो की सफलता का राज बताते हैं। राजन शाही ने मीडिया को बताया, "रसोई की राजनीति से हटकर मजबूत व अच्छी कहानियों की वजह से पुरुषों को मुख्य भूमिकाएं मिल रही हैं। यह एक सकारात्मक चलन है।" उन्होंने कहा, "एक ऐसा समय था जब अभिनेताओं को महत्वपूर्ण भूमिकाएं नहीं मिलती थीं और अभिनेत्रियां शो का चेहरा होती थीं। अच्छी कहानियों और बुद्धिमान दर्शकों के चलते इसमें बदलाव आया है।" सालों पहले 'ऑफिस ऑफिस', 'करमचंद', 'मोहनदास बी.ए.एल.एल.बी.', 'मि. योगी', 'शक्तिमान', 'जस्ट मोहब्बत' और 'व्योमकेश बख्शी' जैसे धारावाहिकों में पुरुष किरदार मुख्य भूमिका में थे लेकिन बाद में एकता कपूर के सास-बहू धारावाहिकों में अभिनेत्रियों को प्रमुखता से उभारा जाने लगा था। अब एक बार फिर 'परिचय', 'हवन', 'महिमा शनि देव की' और 'सीआईडी' जैसे धारावाहिकों से पुरुष किरदारों को महत्व मिला है। |
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