कौन ले रहा मूर्ति की जगह
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Apr 15, 2011, 13:47 pm IST
Keywords: Infosys इन्फ़ोसिस Narayana Murthy's successor नारायन मूर्ति के उत्तराधिकारी
बेंगलुरू: कंप्यूटर की दुनिया की बड़ी कंपनी इन्फ़ोसिस टेक्नॉलॉजीज़ लिमिटेड के निदेशक मंडल की बैठक एक बार फिर 30 एप्रिल को साइबर राजधानी बेंगलूरू में कंपनी के अध्यक्ष और सह-संस्थापक नारायणमूर्ति के उत्तराधिकारी के बारे में फ़ैसला करने के लिए बैठेगी। इस बीच, सॉफ्टवेयर कम्पनी, इन्फोसिस टेक्नॉलॉजीज़ लिमिटेड के सह संस्थापक के.दिनेश और निदेशक मंडल के सदस्य टी.वी.मोहनदास पाई ने इस्तीफा दे दिया है। यह जानकारी कम्पनी की ओर से शुक्रवार को दी गई। याद रहे कि 20 अगस्त 1946 को जन्मे एन आर नारायणमूर्ति भारत की प्रसिद्ध सॉफ़्टवेयर कंपनी इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज के संस्थापक और जानेमाने उद्योगपति हैं। उनका जन्म मैसूर में हुआ। आई आई टी में पढ़ने के लिए वे मैसूर से बैंगलौर आए, जहाँ १९६७ में इन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय से बैचलर आफ इन्जीनियरिंग की उपाधि और १९६९ में आई आई टी कानपुर से मास्टर आफ टैक्नोलाजी की उपाधि प्राप्त की। नारायणमूर्ति आर्थिक स्थिति सुदृढ़ न होने के कारण इंजीनियरिंग की पढ़ाई का खर्च उठाने में असमर्थ थे। उनके उन दिनों के सबसे प्रिय शिक्षक मैसूर विशवविद्यालय के डॉ. कृष्णमूर्ति ने नारायण मूर्ति की प्रतिभा को पहचान कर उनको हर तरह से मदद की। बाद में आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो जाने पर नारायणमूर्ति ने डॉ. कृष्णमूर्ति के नाम पर एक छात्रवृत्ति प्रारंभ कर के इस कर्ज़ को चुकाया। १९९९ में कम्पनी ने उत्कृष्टता और गुणवत्ता का प्रतीक SEI-CMM हासिल किया। १९९९ में कंपनी ने एक नया इतिहास रचा जब इसके शेयर अमरीकी शेयर बाजार NASDAQ में रजिस्टर हुए। नारायणमूर्ति १९८१ से लेकर २००२ तक इस कम्पनी के मुख्य कार्यकारी निदेशक रहे। २००२ में उन्होंने इसकी कमान अपने साथी नन्दन नीलेकनी को थमा दी, लेकिन फिर भी इन्फोसिस कम्पनी के साथ वे मार्गदर्शक के दौर पर जुड़े रहे। वे १९९२ से १९९४ तक नास्काम के भी अध्यक्ष रहे। सन २००५ में नारायण मूर्ति को विश्व का आठवां सबसे बेहतरीन प्रबंधक चुना गया। |
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