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कहां से लाएं ये दूसरा रतन टाटा

जनता जनार्दन संवाददाता , Apr 09, 2011, 12:36 pm IST
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कहां से लाएं ये दूसरा रतन टाटा नई दिल्ली: टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा ने अपनी अगुआई में समूह को उन उँचाइयों तक पहुंचाया, जिसका सपना जहाँगीर रतनजी दादाभाई टाटा ने देखा था, अब जब रतन टाटा ने अपने अवकाश लेने की घोषणा कर दी है, तब टाटा समूह उनका विकल्प ढूँढने में परेशान है। हालांकि टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा के उत्तराधिकारी की खोज अभी तक निष्फल साबित होती जा रही है।

72 अरब डॉलर के इस साम्राज्य के लिए एक सही दावेदार की तलाश में एक कमिटी लगी हुई है लेकिन उसे एक ऐसी शख्सियत नहीं मिल पा रही जिसे सही मायनों में रतन टाटा का उत्तराधिकारी कहा जा सके।

टाटा ग्रुप ने उम्मीद जताई है कि रतन टाटा की कुर्सी संभालने वाला व्यक्ति कम से कम 40-50 साल के लिए काम संभाल लेगा या लेगी। रतन टाटा के उत्तराधिकारी के चुनाव के लिए एक पैनल का गठन किया गया है। अगले साल मार्च तक उत्तराधिकारी का एलान हो जाने का अनुमान है।

71 अरब अमेरिकी डॉलर की संपत्ति की मालिक टाटा कंपनी के चेयरमैन का करियर तीन चार दशक लंबा होगा। टाटा सन्स के निदेशक आर गोपालाकृष्णन ने बताया कि कंपनी नहीं चाहती कि उसे पांच साल जैसे छोटे समय में ही दोबारा अध्यक्ष बदलना पड़े। उन्होंने कहा, "हमारा मानना है कि हमारा नेतृत्व पांच साल के लिए नहीं बल्कि 30-40 साल के लिए होगा। हम ऐसा आदमी नहीं चाहते जो पांच साल के लिए आए, शेयर्स में हिस्सेदारी ले और बहामास को चला जाए।"

टाटा ग्रुप के 140 साल के इतिहास में रतन टाटा पांचवें अध्यक्ष हैं। गोपालाकृष्णन के मुताबिक यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है। उन्होंने माना कि रतन टाटा की रिटायरमेंट चिंता की बात है।

रतन टाटा का उत्तराधिकारी चुनने का काम एक चयन समिति को सौंपा गया है। इस समिति में कई बड़े नाम शामिल हैं। दो दिन पहले टाटा सन्स के एक और निदेशक आरके कृष्णा कुमार ने यह कहकर सनसनी फैला दी थी कि चयन समिति इस नतीजे पर पहुंची है कि वह अध्यक्ष के लिए कोई उत्तराधिकारी नहीं चुन सकती।

गोपालाकृष्णन ने जोर देकर कहा कि रतन टाटा कंपनी के लिए बेशकीमती हैं और कंपनी इस बात की कोशिश कर रही है कि उनके जाने का कम से कम असर हो।
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