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हूतियों पर काल बनकर बरसीं ट्रंप की मिसाइलें, तेल बंदरगाह को बनाया निशाना

जनता जनार्दन संवाददाता , Apr 18, 2025, 8:13 am IST
Keywords: CENTCOM   America   Yemen   International news  
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हूतियों पर काल बनकर बरसीं ट्रंप की मिसाइलें, तेल बंदरगाह को बनाया निशाना

यमन संकट एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में है. हाल ही में अमेरिका ने यमन के पश्चिमी तट पर स्थित रणनीतिक रूप से अहम रास इस्सा तेल बंदरगाह पर हवाई हमले किए हैं. इन हमलों में हूती विद्रोहियों के मुताबिक कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 30 से अधिक घायल हैं. अमेरिका की ओर से यह कार्रवाई ईरान समर्थित हूती गुट की गतिविधियों को रोकने और उनकी आर्थिक और ईंधन आपूर्ति को बाधित करने के उद्देश्य से की गई है.

बंदरगाह पर कार्यरत 13 कर्मचारियों की मौत

अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) ने बयान जारी कर बताया कि यह हमला हूती गुट की राजस्व और लॉजिस्टिक क्षमताओं को सीमित करने के लिए किया गया था. अमेरिकी सेना के अनुसार, रास इस्सा बंदरगाह का उपयोग हूती विद्रोही लंबे समय से ईंधन के भंडारण और उसे बेचने के जरिए धन जुटाने के लिए कर रहे थे. CENTCOM ने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक हूती गुट लाल सागर से गुजरने वाले वैश्विक वाणिज्यिक जहाजों को निशाना बनाना बंद नहीं करता, तब तक यह सैन्य अभियान जारी रहेगा.

दूसरी ओर, यमन के हूती स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अनीस अलसबाही ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि अमेरिकी हमलों में बंदरगाह पर कार्यरत 13 कर्मचारियों की मौत हुई है, जबकि घायलों की संख्या 30 से अधिक है. यह हमला ऐसे समय हुआ है जब यमन पहले से ही भीषण मानवीय संकट और लंबे समय से चले आ रहे गृहयुद्ध से जूझ रहा है.

अंतरराष्ट्रीय नौवहन को सीधी चुनौती

रास इस्सा यमन का एक प्रमुख तेल पाइपलाइन टर्मिनल और प्रवेश द्वार है, जो देश के अधिकांश आयात और मानवीय सहायता के लिए अहम भूमिका निभाता है. इस बंदरगाह पर हमला केवल हूती गुट के खिलाफ सैन्य कार्रवाई भर नहीं, बल्कि इससे यमन की पहले से ही जर्जर अर्थव्यवस्था और मानवीय आपूर्ति श्रृंखला पर भी गंभीर असर पड़ सकता है.

यह घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है जब अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगी, लाल सागर और अदन की खाड़ी में हूती गुट द्वारा वाणिज्यिक नौवहन पर हमलों को लेकर पहले से ही चिंतित हैं. लाल सागर वैश्विक व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग है, और हूती गुट द्वारा इस पर बार-बार किए जा रहे हमले अंतरराष्ट्रीय नौवहन को सीधी चुनौती देते हैं.

हूती विद्रोहियों के खिलाफ अमेरिका का यह व्यापक हवाई अभियान अब एक नए चरण में प्रवेश कर चुका है, जिसमें केवल सैन्य ढांचे को नहीं बल्कि उनकी वित्तीय धमनियों को भी लक्ष्य बनाया जा रहा है. ऐसे में यह देखना अहम होगा कि इस सैन्य दबाव का हूती गुट की रणनीति और पूरे यमन संघर्ष पर क्या प्रभाव पड़ता है.

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