![]() |
केदारनाथ में बन रही रोपवे से कैसे सरकार को हर साल मिलेंगे 800 करोड़?
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Apr 16, 2025, 17:15 pm IST
Keywords: केदारनाथ केंद्रीय सड़क परिवहन नितिन गडकरी nitin gadkari ji रोपवे
![]() केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ‘विकसित भारत 2047’ सम्मेलन के मंच से देशवासियों को एक बड़ी राहत देने की ओर इशारा किया है. वहीं इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने केंदारनाथ, बद्रनाथ जाने वाले रास्तों को लेकर चर्चा की. नितिन गडकरी ने बताया कि किस तरह अब केदारनाथ जाना आसान होने वाला है. कार्यक्रम में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री बोले कि बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री इन चारों तीर्थ जाने वाले रोड को 12 हजार करोड़ रुपये में बनाया गया है. 90 प्रतिशत तक इस पर कार्य पूरा हो चुका है. उन्होंने कहा कि यहां तो रोड तैयार हो रही हैं, लेकिन केदारनाथ दर्शन के लिए पहुंचना काफी मुश्किल हो जाता है. केदारनाथ में बनेगा रोपवे इस मुश्किल रास्ते को आसान किया जा रहा है. इसके लिए केंद्रीय मंत्री ने सरकार का क्या प्लान है इसपर चर्चा की और कहा कि केदारनाथ में हम लोग रोपवे बना रहे हैं. इस रोपवे का टेंडर हो चुका है. उहोंने कहा कि 5 हजार करोड़ रुपये कॉन्ट्रैक्टर उस रोपवे को खड़ा करने के लिए लगाने वाला है. उन्होंने बताया कि इससे सरकार को फायदा भी होने वाला है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कॉन्ट्रैक्टर 5 हजार करोड़ रुपये तो रोपवे खड़ा करने के लिए लगाएगा. लेकिन इसके साथ-साथ हर साल सरकार को 800 करोड़ रुपये रॉयलटी सरकार को देगा. उन्होंने बताया कि सरकार इस तरह की रोपवे का काम कर रही है. इस तरह 307 रोपवे तैयार की जा रही है. इसके कारण टूरिजम को बढ़ावा मिलेगा. इसी के साथ कार्यक्रम में उन्होंने टोल प्लाजा को लेकर भी चर्चा की है. टोल प्लाजा पर क्या बोले केंद्रीय मंत्री? जब कार्यक्रम के दौरान उनसे यह आग्रह किया गया कि क्या वह इस संभावित बदलाव की घोषणा कर सकते हैं, तो उन्होंने कहा कि “अभी घोषणा करना उचित नहीं होगा क्योंकि सब अप्रूवल लेना पड़ता है. लेकिन प्रयास यही है कि जनता को राहत मिले.” इस दौरान गडकरी ने संकेत दिया कि मंत्रालय इस विषय पर गंभीरता से विचार कर रहा है और जल्द ही कोई बड़ा ऐलान हो सकता है, जो टोल भुगतान की मौजूदा प्रणाली में सुधार ला सकता है या फिर एक नई प्रणाली की शुरुआत कर सकता है. |
क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं? |
|
हां
|
|
नहीं
|
|
बताना मुश्किल
|
|
|