शिया बनाम सुन्नी संघर्ष-घरों से निकालकर मार रहे गोली, लाशों के ढेर में बदल रहा ये देश

जनता जनार्दन संवाददाता , Mar 09, 2025, 16:45 pm IST
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शिया बनाम सुन्नी संघर्ष-घरों से निकालकर मार रहे गोली, लाशों के ढेर में बदल रहा ये देश

सीरिया में पिछले तीन दिनों से जारी संघर्ष ने भयावह रूप ले लिया है, और इसमें अब तक एक हजार से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. यह संघर्ष सीरिया की नई सरकार और पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद के समर्थकों के बीच हो रहा है, और स्थिति बहुत ही विकट हो चुकी है. सीरिया में 14 साल पहले शुरू हुआ गृहयुद्ध अब नए मोड़ पर पहुंच गया है, और शनिवार को हुए हमले को अब तक के सबसे घातक दिनों में गिना जा रहा है.

बिजली और पानी की आपूर्ति पूरी तरह से बंद

ब्रिटिश सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार, इस संघर्ष में 745 आम नागरिक मारे गए हैं, जिनमें से अधिकांश को नजदीक से गोली मारी गई है. इसके अलावा, 125 सरकारी सुरक्षा बल के सदस्य और पूर्व राष्ट्रपति असद से जुड़े सशस्त्र समूहों के 148 सदस्य भी इस हिंसा का शिकार हुए हैं. संघर्ष के कारण लताकिया शहर और आसपास के इलाकों में बिजली और पानी की आपूर्ति पूरी तरह से बंद कर दी गई है.

सीरिया में दिसंबर 2024 में सत्ता परिवर्तन हुआ था, जब अबु मोहम्मद अल-जुलानी के नेतृत्व वाले संगठन HTS ने राजधानी दमिश्क पर कब्जा किया और बशर अल-असद को देश से भागने पर मजबूर कर दिया. अबु मोहम्मद अल-जुलानी ने खुद को सीरिया का नया राष्ट्रपति घोषित कर दिया था. हालांकि, शांति के दो महीने बाद, यह संघर्ष एक बार फिर से शुरू हो गया है. नई सीरियाई सरकार ने इस हिंसा को असद के समर्थकों के हमलों का जवाब बताया है और इसे 'व्यक्तिगत कार्रवाइयों' का परिणाम करार दिया है.

शिया बनाम सुन्नी संघर्ष

मौजूदा संघर्ष मुख्य रूप से शिया बनाम सुन्नी संघर्ष के रूप में सामने आ रहा है. असद के समर्थक अलावी समुदाय के लोग दशकों से उनके शासन का समर्थन करते आए थे, लेकिन अब जब असद की सरकार गिर चुकी है, तो सुन्नी मुस्लिम बंदूकधारी अलावी समुदाय के लोगों के खिलाफ हिंसा कर रहे हैं. अलावी समुदाय शिया मुसलमानों की एक शाखा है, और बशर अल-असद भी इसी समुदाय से आते हैं.

अलावी समुदाय के लोग अब अपने ही घरों में सुरक्षित नहीं हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, बंदूकधारियों ने इन इलाकों में सड़कों पर लाशों के ढेर लगा दिए हैं. घरों और इमारतों पर शव लावारिश पड़े हैं और शवों को दफनाने वाले भी नहीं हैं. बनियास और अन्य तटीय इलाकों में सबसे ज्यादा हिंसा देखने को मिल रही है. स्थानीय लोगों ने बताया कि बंदूकधारी न केवल हत्या कर रहे हैं, बल्कि घरों में लूटपाट भी कर रहे हैं और आग लगा रहे हैं. लोग डर के मारे अपने घरों को छोड़कर पहाड़ी इलाकों की तरफ भाग रहे हैं.

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