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ट्रंप की धमकियों से ट्रूडो को मिला राजनीतिक फायदा, लिबरल पार्टी टॉप पर पहुंची
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Mar 06, 2025, 17:21 pm IST
Keywords: ट्रंप Trump Donald Trump Breaking News राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
![]() अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कनाडा और प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर की गई टिप्पणियों का अप्रत्याशित असर कनाडा की राजनीति पर पड़ा है. ट्रंप की तीखी आलोचनाओं के बाद ट्रूडो की लिबरल पार्टी को जनता का जबरदस्त समर्थन मिला है, जिससे चुनावी समीकरण बदल गए हैं. हाल ही में जारी एक चुनावी सर्वेक्षण के अनुसार, लिबरल पार्टी को 38% और मुख्य विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी को 36% समर्थन प्राप्त हुआ है. यह बदलाव पिछले छह हफ्तों में देखने को मिला है, जहां पहले कंजरवेटिव पार्टी 46% समर्थन के साथ आगे थी और लिबरल पार्टी को मात्र 12% जनता का समर्थन प्राप्त था. ट्रंप के बयानों का असर ट्रंप ने अपने बयानों में जस्टिन ट्रूडो को "गवर्नर ट्रूडो" कहकर संबोधित किया और यहां तक कि कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने का सुझाव भी दिया था. इन बयानों ने कनाडाई जनता के बीच असंतोष बढ़ा दिया, जिसका सीधा लाभ ट्रूडो की पार्टी को हुआ. इप्सोस के सर्वेक्षण के अनुसार, ट्रंप-विरोधी भावना लिबरल पार्टी की लोकप्रियता को बढ़ाने में मददगार साबित हुई है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ट्रूडो ने ट्रंप की बयानबाजी का प्रभावी जवाब देकर जनता का भरोसा जीता है. कंजरवेटिव पार्टी पर दबाव बढ़ा अन्य चुनावी सर्वेक्षणों में भी लिबरल और कंजरवेटिव पार्टियों के बीच करीबी मुकाबला देखा गया है. लेजर पोल में कंजरवेटिव को 38% और लिबरल को 35% जनता का समर्थन मिला है, जबकि एकोस पोल के अनुसार लिबरल 38% और कंजरवेटिव 37% के साथ लगभग बराबरी पर हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप-विरोधी माहौल और लिबरल पार्टी के नेतृत्व में बदलाव के कारण कंजरवेटिव पार्टी को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. राजनीतिक भविष्य और संभावित चुनाव जस्टिन ट्रूडो ने अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी है और लिबरल पार्टी 9 मार्च को नया नेता चुनेगी. अगले चुनाव 20 अक्टूबर तक होने हैं, लेकिन नए नेता के पास जल्द चुनाव कराने का विकल्प भी रहेगा. मौजूदा सर्वेक्षणों से संकेत मिलता है कि किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलेगा, जिससे गठबंधन सरकार बनने की संभावना प्रबल हो गई है. अमेरिका से दूरी बना रहे कनाडाई नागरिक ट्रंप के बयानों के असर से कनाडाई नागरिकों की अमेरिका यात्राओं में भी कमी देखी जा रही है. प्रधानमंत्री ट्रूडो ने नागरिकों से आग्रह किया है कि वे अपनी छुट्टियां कनाडा में बिताएं. इस रुझान के कारण अमेरिकी पर्यटन उद्योग को भी नुकसान हो सकता है. यूएस ट्रैवल एसोसिएशन के अनुसार, कनाडा से अमेरिका जाने वाले यात्रियों की संख्या में 10% की गिरावट से अमेरिका को लगभग 18 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है. वेस्टजेट और एयर कनाडा ने अन्य देशों के लिए बुकिंग में वृद्धि दर्ज की है. साथ ही, कनाडा में अमेरिकी उत्पादों के बहिष्कार की मुहिम भी जोर पकड़ रही है. कंजरवेटिव नेतृत्व पर सवाल ट्रंप के हमलों के बाद लिबरल नेताओं ने कंजरवेटिव पार्टी और उनके नेता पियरे पोलीव्रे पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. लिबरल पार्टी की लीडरशिप डिबेट में कई दावेदारों ने अमेरिका के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की जरूरत पर जोर दिया. पूर्व केंद्रीय बैंक गवर्नर मार्क कार्नी ने कहा कि पियरे पोलीव्रे ट्रंप के सामने कमजोर पड़ सकते हैं क्योंकि वे खुद ट्रंप की भाषा का उपयोग करते हैं. वहीं, पूर्व वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने ट्रंप को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद कनाडा के लिए सबसे बड़ी चुनौती करार दिया. क्या होगा आगे? राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में ट्रंप के बयानों और लिबरल पार्टी के नेतृत्व परिवर्तन से कनाडा की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. यदि कंजरवेटिव पार्टी अपनी रणनीति में बदलाव नहीं करती, तो आगामी चुनावों में उसे और अधिक नुकसान हो सकता है. |
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