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उत्तर कोरिया के तानाशाह क्या-क्या बोल गए?

जनता जनार्दन संवाददाता , Feb 26, 2025, 20:10 pm IST
Keywords: उत्तर कोरिया   नेता किम जोंग   राज्य मीडिया KCNA   
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उत्तर कोरिया के तानाशाह क्या-क्या बोल गए? नई दिल्ली: उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने हाल ही में एक सैन्य अकाडमी का दौरा किया है. इस दौरान उन्होंने किसी भी युद्ध से निपटने के लिए एक मजबूत, आधुनिक सेना बनाने का आह्वान किया. राज्य मीडिया KCNA ने बुधवार को इस बात की जानकारी दी. किम का कांग कोन मिलिट्री अकाडमी का दौरा ऐसे समय पर हुआ है, जब उत्तर कोरिया ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में मदद के लिए रूस में हजारों सैनिक भेजे हैं.

इस सप्ताह किम ने किम इल सुंग यूनिवर्सिटी ऑफ पॉलिटिक्स का भी दौरा किया, जो एक अन्य विशिष्ट कैडर प्रशिक्षण संस्थान है. यहां उन्होंने सैन्य निष्ठा और बलिदान का आह्वान किया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण कोरिया की खुफिया एजेंसी का कहना है कि किम का सैन्य इकाइयों और प्रशिक्षण का पिछला निरीक्षण रूस में अतिरिक्त सैनिक भेजने की तैयारी का हिस्सा हो सकता है.

KCNA ने कहा कि सैन्य अकाडमी के हालिया दौरे के दौरान किम ने स्कूल के खराब प्रबंधन और शैक्षणिक सुविधाओं के संचालन की आलोचना की. उन्होंने कहा कि यह एक शक्तिशाली सेना के निर्माण के लिए सत्तारूढ़ पार्टी की 'आधुनिकता और उन्नत चरित्र' की खोज को पूरा करने में नाकाम रहा. 

इसमें कहा गया कि किम ने सुविधाओं के नवीनीकरण और अभ्यास पर ध्यान केन्द्रित करते हुए शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए कार्य निर्धारित किए, ताकि स्टूडेंट्स आधुनिक युद्ध के वास्तविक अनुभवों के बारे में सीख सकें, साथ ही उन्नत हथियारों और तकनीकी उपकरणों में कुशलता प्राप्त कर सकें.

खून-खराबा आम बात

KCNA के मुताबिक किम का कहना है, 'वर्तमान अंतरराष्ट्रीय स्थिति, जिसमें साम्राज्यवादियों की आक्रामक और युद्ध पसंद करने वाले इतिहास में खुले तौर पर व्यक्त किया गया है कि, खून-खराबा आम बात हो चुकी है, ऐसे में सशस्त्र बलों को युद्ध का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार होने की जरुरत है.

उत्तर कोरिया उठाना चाहता है लाभ

दक्षिण कोरियाई अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि उत्तर कोरिया आधुनिक युद्ध के मैदान के अनुभव हासिल करने के लिए, रूस में हथियारों और सैनिकों की आपूर्ति करके अपने लिए लाभ उठाना चाहता है. कीव ने कहा कि उत्तर कोरियाई सेना को रूस में भारी नुकसान उठाना पड़ा है, इस साल जनवरी की शुरुआत तक 3,000 से भी ज्यादा सैनिक मारे गए या घायल हो चुके हैं.

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