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हाथरस भगदड़ में हुईं थी 121 मौतें

जनता जनार्दन संवाददाता , Feb 21, 2025, 12:51 pm IST
Keywords: हाथरस कांड   न्यायिक जांच रिपोर्ट    बजट सत्र   सिकंदराराऊ क्षेत्र के फूलराई गांव   Hathras  
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हाथरस भगदड़ में हुईं थी 121 मौतें

हाथरस कांड की न्यायिक जांच रिपोर्ट अब राज्य सरकार को सौंप दी गई है. इस रिपोर्ट को बजट सत्र से पहले आयोजित कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत किया गया था, और इसे सदन में पटल पर रखने की मंजूरी भी दी गई है. हालांकि, राज्य सरकार ने अभी तक रिपोर्ट के विवरण को सार्वजनिक नहीं किया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट में भोले बाबा को आरोपी नहीं ठहराया गया है. जांच में उन्हें क्लीन चिट मिली है और आयोग ने पुलिस की जांच को सही ठहराया है.

हादसे के पीछे कोई साजिश थी या नहीं?

रिपोर्ट में कुछ महत्वपूर्ण सिफारिशें भी दी गई हैं, जिनका उद्देश्य भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकना है. हालांकि, जांच आयोग को यह पुष्टि नहीं हो पाई है कि हादसे के पीछे कोई साजिश थी या नहीं.

ये है पूरा मामला

यह हादसा हाथरस के सिकंदराराऊ क्षेत्र के फूलराई गांव में 2 जुलाई 2024 को हुआ था, जब भोले बाबा उर्फ नारायण सरकार हरि के सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई थी. इस भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गई थी. उस दिन सत्संग में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए थे, और भीषण गर्मी और उमस की वजह से भगदड़ की स्थिति बन गई.

हादसे के बाद, राज्य सरकार ने इस घटना की निष्पक्ष जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया था, जिसकी अध्यक्षता उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय के रिटायर जज बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने की. आयोग में रिटायर आईपीएस अधिकारी भावेश कुमार सिंह और रिटायर आईएएस हेमंत राव को सदस्य बनाया गया था.

घटना के बाद, भोले बाबा ने कहा था कि "होनी को कौन टाल सकता है, जो आया है, उसे एक दिन जाना ही है." इस घटना की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) और न्यायिक आयोग का गठन किया गया था. जांच में बाबा का नाम आरोपी के तौर पर नहीं आया था.

एसआईटी रिपोर्ट में यह पाया गया कि स्थानीय प्रशासन ने इस घटना को लेकर पर्याप्त तैयारी नहीं की थी, और आयोजकों को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं की थी. भोले बाबा का सत्संग हर मंगलवार को आयोजित किया जाता था, और इस बार भी बड़ी संख्या में भक्तों ने इस आयोजन में भाग लिया था. इस घटना की जांच में कई महत्वपूर्ण तथ्यों का खुलासा हुआ है, और यह रिपोर्ट सरकार के लिए आगे की कार्रवाई के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेगी.

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