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म्यूचुअल फंड के नियमों में बड़े बदलाव

जनता जनार्दन संवाददाता , Feb 19, 2025, 12:25 pm IST
Keywords: म्यूचुअल फंड   SEBI   सार्वजनिक   AMC कर्मचारि   म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री  
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म्यूचुअल फंड के नियमों में बड़े बदलाव

नई दिल्ली: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने म्यूचुअल फंड से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया है, जिससे आम निवेशकों को अधिक पारदर्शिता और सुरक्षा मिलेगी. 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले इन नियमों के तहत एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) को नए फंड ऑफर (NFO) से जुटाए गए पैसे को तय समय सीमा के अंदर निवेश करना होगा.

इसके अलावा, म्यूचुअल फंड स्कीम्स की स्ट्रेस टेस्टिंग से जुड़ी जानकारी भी सार्वजनिक करने का आदेश दिया गया है. SEBI का मानना है कि यह कदम म्यूचुअल फंड निवेश को ज्यादा सुरक्षित और जवाबदेह बनाएगा.

SEBI के नए नियमों के मुख्य बिंदु:

-NFO से जुटाए गए पैसे की समयबद्ध निवेश अनिवार्यता
- निवेशकों को स्कीम से बाहर निकलने का विकल्प
-म्यूचुअल फंड्स की पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ेगी
- AMC कर्मचारियों के वेतन का 1% म्यूचुअल फंड यूनिट्स में निवेश

NFO निवेश से जुड़े नए नियम क्या हैं?

SEBI ने 14 फरवरी को जारी एक अधिसूचना में स्पष्ट किया कि NFO में इकट्ठा किए गए धन को 30 दिनों के भीतर स्कीम के एसेट एलोकेशन के अनुसार निवेश करना होगा.

अगर AMC इस अवधि के अंदर निवेश नहीं करती है, तो निवेशकों को बिना किसी एग्जिट लोड के अपने पैसे निकालने का विकल्प मिलेगा. इससे AMCs पर दबाव रहेगा कि वे बिना वजह ज्यादा पैसा इकट्ठा न करें और जल्द से जल्द सही जगह निवेश करें.

AMC कर्मचारियों के लिए भी नए निर्देश

SEBI ने असेट मैनेजमेंट कंपनियों के कर्मचारियों के लिए भी खास निर्देश जारी किए हैं. इसके तहत AMC कर्मचारियों के वेतन का 1% हिस्सा म्यूचुअल फंड स्कीम की यूनिट्स में निवेश किया जाएगा. यह निवेश कर्मचारियों की भूमिका और पद के आधार पर होगा.

इस कदम से कर्मचारियों की भी स्कीम्स में भागीदारी सुनिश्चित होगी, जिससे उनके फैसलों की जिम्मेदारी बढ़ेगी और वे बेहतर निवेश प्रबंधन कर सकेंगे.

आम निवेशकों को क्या होगा फायदा?

-NFO के तहत जुटाए गए पैसे का जल्दी निवेश होने से बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना बढ़ेगी.
- अगर फंड मैनेजर समय पर निवेश नहीं करते हैं, तो निवेशक बिना किसी नुकसान के पैसे निकाल सकते हैं.
- म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में ज्यादा पारदर्शिता आएगी, जिससे छोटे निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा.
- AMC कर्मचारियों के खुद निवेश करने से निवेश प्रबंधन में ज्यादा जवाबदेही और सतर्कता रहेगी.

SEBI के ये नए नियम निवेशकों के हितों को सुरक्षित करने और म्यूचुअल फंड्स को अधिक पारदर्शी और निवेशक-अनुकूल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकते हैं. 

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