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भारत ने दिखाया आईना तो तिलमिला उठे मोहम्मद यूनुस

जनता जनार्दन संवाददाता , Feb 10, 2025, 13:20 pm IST
Keywords: Bangladesh News   बांग्लादेश   मोहम्मद यूनुस  
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भारत ने दिखाया आईना तो तिलमिला उठे मोहम्मद यूनुस हाल ही में बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के घर को उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया था. इस घटना की कई देशों ने निंदा की थी. भारत ने भी ऐतिहासिक आवास को ध्वस्त किये जाने पर बृहस्पतिवार को दुख व्यक्त किया और कहा कि ‘बर्बरता की इस घटना’ की कड़ी निंदा की जानी चाहिए. अब इस पर बांग्लादेश ने प्रतिक्रिया दी है.

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने इस घटना को आंतरिक मामला बताते हुए रविवार को कहा कि इस घटना पर भारत की टिप्पणी ‘अप्रत्याशित और अनुचित’ थी. दरअसल,  बांग्लादेश में बुधवार रात से हिंसा भड़की हुई है, जिसमें हजारों प्रदर्शनकारियों ने ढाका में शेख मुजीबुर रहमान के 32 धानमंडी स्थित आवास में आग लगा दी.

रहमान ने इस आवास से ही देश के मुक्ति संग्राम की अगुआई की थी, जिसे बाद में एक स्मारक के रूप में बदल दिया गया था. इसी ऐतिहासिक आवास से रहमान ने 1971 में पाकिस्तान से बांग्लादेश की स्वतंत्रता की घोषणा की थी. 

भारत ने ऐतिहासिक आवास को ध्वस्त किये जाने पर बृहस्पतिवार को दुख व्यक्त किया और कहा कि ‘बर्बरता की इस घटना’ की कड़ी निंदा की जानी चाहिए. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था, ‘यह खेदजनक है कि शेख मुजीबुर रहमान का ऐतिहासिक आवास 5 फरवरी को नष्ट कर दिया गया. यह आवास कब्जे और उत्पीड़न की ताकतों के खिलाफ बांग्लादेश के लोगों के वीर प्रतिरोध का प्रतीक था. जो लोग बांग्ला पहचान और गौरव को संबल प्रदान करने वाले स्वतंत्रता संग्राम को महत्व देते हैं, वे सभी बांग्लादेश की राष्ट्रीय चेतना के लिए इस निवास के महत्व से परिचित हैं.

सरकारी समाचार एजेंसी बीएसएस के मुताबिक, भारत की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि धानमंडी 32 की घटना देश के आंतरिक मामलों से संबंधित है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद रफीकुल आलम ने कहा, ‘इस मामले पर 6 फरवरी 2025 को जारी भारत के विदेश मंत्रालय का बयान अंतरिम सरकार के ध्यान में आया है. बांग्लादेश के आंतरिक मामलों पर भारत के विदेश मंत्रालय की ऐसी टिप्पणी अनुचित है.’ उन्होंने कहा, ‘बांग्लादेश किसी भी राज्य के आंतरिक मामलों पर आधिकारिक रूप से टिप्पणी नहीं करता है और वह अन्य देशों से भी इसी तरह के आचरण की अपेक्षा करता है.
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