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महाकुंभ के दौरान गाड़ियां टोल फ्री क्यों नहीं: अखिलेश यादव

जनता जनार्दन संवाददाता , Feb 09, 2025, 18:02 pm IST
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महाकुंभ के दौरान गाड़ियां टोल फ्री क्यों नहीं: अखिलेश यादव

लखनऊ : समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने रविवार को महाकुंभ के दौरान उत्तर प्रदेश में वाहनों के टोल में छूट की मांग की, ताकि यात्रा में आने वाली बाधाओं और ट्रैफिक जाम की समस्या को कम किया जा सके.

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर फ़िल्मों को मनोरंजन कर मुक्त किया जा सकता है, तो महाकुंभ के 'भव्य' उत्सव के दौरान वाहनों को टोल-मुक्त क्यों नहीं किया जा सकता, उन्होंने भाजपा सरकार द्वारा अतीत में कुछ फ़िल्मों को कर-मुक्त करने के फ़ैसले का संदर्भ दिया.

अखिलेश ने जाम और यात्रा में मुश्किल पर उठाया सवाल

अखिलेश यादव ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "महाकुंभ के अवसर पर, यूपी में वाहनों को टोल-मुक्त किया जाना चाहिए. इससे यात्रा में आने वाली बाधाओं और ट्रैफ़िक जाम की समस्या को भी कम किया जा सकेगा. जब फ़िल्मों को मनोरंजन कर मुक्त किया जा सकता है, तो महाकुंभ के भव्य उत्सव के दौरान वाहनों को टोल-मुक्त क्यों नहीं किया जा सकता?"

इससे पहले समाजवादी पार्टी के लखनऊ कार्यालय के बाहर पोस्टर लगे थे, जिसमें पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के बारे में साहसिक भविष्यवाणियां की गई थीं.

पोस्टर में दावा किया गया था कि वह 2027 में महत्वपूर्ण राजनीतिक परिवर्तन लाएंगे और 2032 में भव्य अर्धकुंभ का आयोजन करेंगे. पोस्टर में अखिलेश की तस्वीर है, जिसमें उन्हें प्रयागराज में महाकुंभ में पवित्र स्नान करते हुए दिखाया गया है, जो उन्होंने 26 जनवरी को किया था.

पोस्टर में लिखा था, "27 में आएंगे अखिलेश, 32 में भव्य अर्धकुंभ कराएंगे विशेष."

इससे पहले 26 जनवरी को यादव ने प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान किया था.

मौनी अमावस्या में भगदड़ पर अखिलेश साध रहे निशाना

अखिलेश यादव मौनी अमावस्या पर दूसरे शाही स्नान के दौरान महाकुंभ मेले में हुई भगदड़ को लेकर भी उत्तर प्रदेश सरकार पर लगातार निशाना साध रहे हैं, जिसमें कम से कम 30 लोगों की जान चली गई और लगभग 60 लोग घायल हो गए.

यादव ने महाकुंभ में हुई भगदड़ में हुई मौतों के बारे में पारदर्शिता की मांग की व सरकार से मौतों, घायलों के उपचार और आयोजन के लिए की गई व्यवस्थाओं के बारे में सही आंकड़े पेश करने का आग्रह किया.

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस में हिस्सा लेते हुए अखिलेश ने स्थिति साफ करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की व आपदा प्रबंधन और खोया-पाया केंद्र को सेना को सौंपने की सिफारिश की.

उन्होंने कहा, "जबकि सरकार लगातार बजट के आंकड़े दे रही है, कृपया महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े भी बताएं. मैं मांग करता हूं कि महाकुंभ की व्यवस्थाओं को स्पष्ट करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए. महाकुंभ आपदा प्रबंधन और खोया-पाया केंद्र की जिम्मेदारी सेना को दी जानी चाहिए. महाकुंभ दुर्घटना में हुई मौतों, घायलों के उपचार, दवाओं, डॉक्टरों, भोजन, पानी व परिवहन की उपलब्धता के आंकड़े संसद में पेश किए जाने चाहिए."

अखिलेश ने मौत के आंकड़ों को लगाया छिपाने का आरोप

यादव ने सरकार के आंकड़ों को दबाने के फैसले पर सवाल उठाते हुए त्रासदी के लिए जिम्मेदार लोगों व तथ्यों को छिपाने वालों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई की मांग की.

सपा प्रमुख ने कहा, "लोग पुण्य कमाने आए थे और अपनों के शव लेकर गए."

उन्होंने कहा कि चमत्कारी बात यह है कि श्रद्धालुओं के शव मिले, लेकिन सरकार इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं है. उन्होंने पूछा, "जब यह जानकारी सामने आई कि कुछ लोगों की जान चली गई है, तो सरकार ने क्या किया? उन्होंने सरकारी हेलीकॉप्टरों से फूल बरसाए. क्या यही हमारी सनातन परंपरा है?

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