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बांग्लादेश में फिर उठी हिंसा की चिंगारी
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Feb 08, 2025, 17:08 pm IST
Keywords: Bangladesh Violence बांग्लादेश पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना
![]() यह अशांति बुधवार रात हसीना के ऑनलाइन संबोधन से शुरू हुई, जब प्रदर्शनकारियों ने शेख मुजीब के घर को निशाना बनाया. शुक्रवार को ढाका के बनानी में अवामी लीग के नेता शेख सलीम के घर में आग लगा दी गई. सलीम के घर पर बृहस्पतिवार देर रात करीब डेढ़ बजे आग लगाई गई थी. यूनाइटेड न्यूज ऑफ बांग्लादेश (यूएनबी) ने अग्निशमन सेवा नियंत्रण कक्ष के अधिकारी के हवाले से बताया कि सुरक्षा कारणों से अग्निशमन सेवा के वाहन रात पौने तीन बजे तक घटनास्थल पर नहीं पहुंच सके. डेली स्टार’ ने शुक्रवार को बताया कि शेख मुजीब के धानमंडी-32 में स्थित आवास को आग लगाने और ढहा दिए जाने के एक दिन बाद प्रदर्शनकारियों ने नोआखली के कम्पनीगंज में अवामी लीग (एएल) के महासचिव और पूर्व सड़क, परिवहन एवं पुल मंत्री ओबैदुल कादर के घर पर हमला कर तोड़फोड़ की और आग लगा दी. दोपहर करीब एक बजे बोरा राजापुर मोहल्ले में स्थित घर पर हुए हमले के दौरान, कादर के छोटे भाई तथा कम्पनीगंज के अवामी लीग के अध्यक्ष अब्दुल कादर मिर्जा और बसुरहाट नगरपालिका के पूर्व महापौर शहादत मिर्जा के दो मंजिला भवन तथा टिन की छत वाले कमरों में भी तोड़फोड़ की गई. घर के सामने खड़ी एक कार भी आग के हवाले कर दी गई,उस समय घर पर कोई नहीं था. यूएनबी की खबर के अनुसार, राजशाही में प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने बाघा उपजिला के चकसिंगा मोहल्ला में पूर्व विदेश राज्य मंत्री शहरयार आलम के तीन मंजिला मकान में आग लगा दी. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बाघा और चारघाट उपजिलों से 100 से अधिक लोग मोटरसाइकिलों पर वहां पहुंचे और दोपहर के समय घर में आग लगा दी. प्रदर्शनकारियों ने कल पबना के शालगरिया गांव में अवामी लीग के नेता अबू सईद के घर पर भी हमला किया और उसे आग लगा दी. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने बृहस्पतिवार को गेट तोड़कर घर में तोड़फोड़ की और फिर शाम को उसमें आग लगा दी. बृहस्पतिवार को कमिला में प्रदर्शनकारियों ने शहर में शेख मुजीब के दो भित्तिचित्रों को नष्ट कर दिया. वे शाम चार बजे के आसपास कमिला अदालत परिसर में बुलडोजर लेकर गए और एक अदालत की इमारत के सामने एक भित्तिचित्र को नष्ट कर दिया. घटनास्थल पर मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए, ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ की कमिला शहर इकाई के सचिव रशीदुल हक ने कहा, ‘‘हम फासीवाद की सभी निशानियों को मिटा देंगे. बाद में, कमिला सिटी पार्क में शेख मुजीब के एक और भित्तिचित्र वाले आधार को बुलडोजर से गिरा दिया गया. वहीं नारायणगंज में, बीएनपी समर्थक वकीलों ने नारायणगंज अदालत परिसर और शहर में उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक के कार्यालयों में शेख मुजीब के भित्तिचित्र वाले आधार और एक प्रतिमा को ध्वस्त कर दिया. मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने कहा कि देश भर में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाओं का दृढ़ता से विरोध किया जाएगा. अंतरिम सरकार ने एक बयान में कहा, “अंतरिम सरकार इस बात को लेकर काफी चिंतित है कि कुछ व्यक्ति और समूह देश भर में विभिन्न संस्थानों और प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ और आगजनी का प्रयास कर रहे हैं। सरकार ऐसी गतिविधियों का दृढ़ता से विरोध करेगी. ‘ढाका ट्रिब्यून’ अखबार की खबर के अनुसार, सरकार ने कहा कि वह लोगों और उनकी संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैयार है. बयान में कहा गया कि यदि भड़काऊ हरकतों के जरिए देश को अस्थिर करने का कोई प्रयास किया जाता है, तो कानून प्रवर्तन एजेंसियां जिम्मेदार व्यक्तियों और समूहों के खिलाफ तत्काल व सख्त कदम उठाएंगी और दोषियों को न्याय के कठघरे में खड़ा करेंगी. हसीना (77) पिछले साल पांच अगस्त से भारत में रह रही हैं. वह छात्रों के नेतृत्व में हुए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद बांग्लादेश से भारत चली गई थीं, जिसके साथ ही उनकी पार्टी अवामी लीग की 16 साल की सरकार का पतन हो गया था. फेसबुक लाइवस्ट्रीम में हसीना ने हमले की निंदा की और ‘‘न्याय’’ की मांग की. उन्होंने कहा, “वे एक इमारत को ध्वस्त कर सकते हैं, लेकिन इतिहास को मिटा नहीं सकते. इस बीच, हसीना की मुख्य राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के नेतृत्व वाली बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने देश की मौजूदा स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि अगर सरकार उभरती चुनौतियों को नियंत्रित करने की अपनी क्षमता प्रदर्शित करने में विफल रहती है तो स्थिरता खतरे में पड़ सकती है. पार्टी ने कल रात एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, “अगर सरकार मौजूदा स्थिति को प्रभावी ढंग से प्रबंधित नहीं कर सकती, तो देश और सरकार दोनों की स्थिरता को गंभीर खतरों का सामना करना पड़ेगा. |
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