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कुरुक्षेत्र में कौरव-पांडव का युद्ध होने से पहले ही लिख ली गई थी पूरी महाभारत कथा

जनता जनार्दन संवाददाता , Feb 02, 2025, 12:58 pm IST
Keywords: Mahabharata Katha   भगवान श्रीकृष्‍ण   पांडु पुत्र अर्जुन   Mahabharata Story  
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कुरुक्षेत्र में कौरव-पांडव का युद्ध होने से पहले ही लिख ली गई थी पूरी महाभारत कथा द्वापर युग में धर्म की रक्षा के लिए भगवान कृष्‍ण द्वारा रची गई लीला महाभारत के रूप में सामने आई. 18 दिन तक कौरवों और पांडवों के बीच चले इस भयावह युद्ध में भगवान श्रीकृष्‍ण, पांडु पुत्र अर्जुन के सारथी बने. महावीर धनुर्धर अर्जुन जब युद्ध अपने कुटुंबीजनों को सामने युद्ध में खड़ा देखकर अपने अस्‍त्र-शस्‍त्र त्‍याग देते हैं तो भगवान कृष्‍ण उन्‍हें गीता ज्ञान देकर उन्‍हें उनका धर्म और कर्तव्‍य याद दिलाते हैं. गीता के ये उपदेश आज भी दुनिया में करोड़ों लोगों को राह दिखा रहे हैं. साथ ही महाभारत ऐसा भंडार या खजाना है, जिससे हम अनगिनत सीख ले सकते हैं.

महाभारत से जुड़े कई रहस्‍य ऐसे हैं, जिन्‍हें आज भी कम ही लोग जानते हैं. जैसे - महाभारत कथा महर्षि वेद व्‍यास ने भगवान गणेश की मदद से पहले ही रच ली थी, बाद में हूबहू वही घटनाएं हुईं जो उन्‍होंने लिखी थीं. महर्षि वेद व्‍यास को एक ऐसी दिव्‍य दृष्टि प्राप्‍त थी, जिससे वह भविष्‍य में होने वाली घटनाओं को पहले ही देख सकते थे. इसी दिव्‍य दृष्टि की मदद से उन्‍होंने पहले ही महाभारत लिख ली थी. हालांकि इसको लेकर अलग-अलग मत हैं, जिसके मुताबिक महाभारत ग्रंथ की रचना महाभारत युद्ध पूरा होने के बाद ही हुई.

18 अंक से है खास कनेक्‍शन

महाभारत युद्ध 18 दिन तक चला था, साथ ही महाभारत कथा में अध्‍याय भी 18 हैं. इतना ही नहीं भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन को गीता ज्ञान भी 18 दिन तक दिया था. इसके बाद 18 दिन युद्ध हुआ और युद्ध के बाद केवल 18 लोग ही बचे थे.

कहा जाता है कि इसके पीछे वजह यह है कि महर्षि वेद व्यास ने गणेश जी की मदद से इस ग्रंथ का निर्माण 18 दिनों में ही किया था इसलिए महाभारत में 18 के अंक का विशेष स्‍थान है. वेद व्‍यास जी 18 दिन तक अनवरत महाभारत कथा कहते गए थे और भगवान गणेश उसे लिपिबद्ध करते रहे थे.

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