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कब और कहां बनाया जाता है उल्टा स्वास्तिक? बहुत कम लोगों को पता होगी इसकी वजह

जनता जनार्दन संवाददाता , Jan 27, 2025, 10:20 am IST
Keywords: Why is Ulta Swastik Made   सनानत धर्म   शुभ अवसर  
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कब और कहां बनाया जाता है उल्टा स्वास्तिक? बहुत कम लोगों को पता होगी इसकी वजह सनानत धर्म में किसी भी शुभ अवसर पर घर में स्वास्तिक का चिह्न बनाना बहुत शुभ माना जाता है. चाहे व्रत हो, पूजा या फिर हवन, स्वास्तिक बनाए बिना वह शुभ कार्य अधूरा माना जाता है. इसे परिवार के लिए सुख-शांति और समृद्धि लाने का प्रतीक माना जाता है. लेकिन आपने कुछ जगहों पर लोगों को उल्टा स्वास्तिक बनाते हुए भी देखा होगा. उसका क्या अर्थ होता है और वह कब-क्यों बनाया जाता है? आइए आपके इन सब सवालों का जवाब हम इस लेख में देने जा रहे हैं. 

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, उल्टा स्वास्तिक तब बनाया जाता है, जब व्यक्ति किसी बड़ी कठिनाई से जूझ रहा हो. इसके बाद जब उसकी मनोकामना पूरी हो जाती है तो वह उसी स्थान पर जाकर सीधा स्वास्तिक बनाता है. यह उसकी भगवान के प्रति आस्था प्रकट करने और अपना आभार जताने का तरीका होता है. इससे यह भी संकेत मिलता है कि अब उस व्यक्ति के ऊपर आया हुआ संकट टल चुका है. 

नकारात्मक ऊर्जा होती है दूर

धार्मिक विद्वानों के मुताबिक, माना जाता है कि उल्टा स्वास्तिक बनाने से घर-परिवार में पसरी नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. साथ ही इच्छा पूर्ति में सामने आ रही बाधा भी हटने लग जाती है. उल्टा स्वास्तिक को कभी भी घर में नहीं बनाया जाता बल्कि व्यक्ति जब किसी तीर्थ स्थल, पवित्र स्थान या मंदिर में जाता है तो वहां पर यह चिह्न बनाकर आता है. यह उसका प्रभु को अपनी कठिनाई बताने और मन्नत मांगने का एक तरीका होता है. 

यह काम करना हर्गिज न भूलें

यहां पर ध्यान रखें कि यदि आप किसी पावन स्थल पर उल्टा स्वास्तिक बनाकर आ रहे हों तो वह हमेशा साफ और सुंदर रूप में बनाना चाहिए. साथ ही वह ऐसे स्थान पर बनाया जाए, जहां पर गंदगी न हो और जहां उस पर किसी के पैर पड़ने का अंदेशा न हो. जब आपकी मनोकामना पूरी हो जाए तो उसी जगह पर फिर से जाकर स्वास्तिक को सीधा बनाकर आना न भूलें. ऐसा न करने से परिवार पर फिर से संकट आते देर नहीं लगती है. 

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