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अब्बू विधायक हैं हमारे, ऐसे कैसे चालान काट दोगे?

जनता जनार्दन संवाददाता , Jan 24, 2025, 12:20 pm IST
Keywords: Amanatullah Son   Misbehaved With Police   गणतंत्र दिवस    अमित मालवीय   अमानतुल्लाह  
फ़ॉन्ट साइज :
अब्बू विधायक हैं हमारे, ऐसे कैसे चालान काट दोगे? गणतंत्र दिवस से पहले दिल्ली के ओखला इलाके में सुरक्षा गश्त के दौरान एक ऐसा मामला सामने आया जिसने सत्ता के दुरुपयोग और कानून के पालन पर सवाल खड़े कर दिए. दिल्ली पुलिस ने संशोधित साइलेंसर के साथ मोटरसाइकिल चलाने और ड्यूटी पर मौजूद अधिकारियों से दुर्व्यवहार करने के मामले में दो युवकों के खिलाफ कार्रवाई की. इस घटना ने राजनीतिक और सामाजिक बहस को जन्म दे दिया है. इस पूरी घटना को लेकर अमित मालवीय ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी पर तंज कसा. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ये हैं आप-दा के गुंडे. अरविंद केजरीवाल अपने विधायक के बेटे की करतूत पर कुछ बोलेंगे?.

क्या है पूरा मामला
पुलिस के मुताबिक ये युवक तेज आवाज वाले मॉडिफाइड साइलेंसर के साथ गलत दिशा में बाइक चला रहे थे और लापरवाही भरे तरीके से गाड़ी को जिगजैग में मोड़ रहे थे. जब पुलिस ने उन्हें रोका और पूछताछ की, तो उनमें से एक ने खुद को आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अमानतुल्लाह खान का बेटा बताया. उसने पुलिस पर आरोप लगाया कि उसे इसलिए रोका गया क्योंकि वह एक विधायक का बेटा है. युवकों ने न तो अपनी पहचान जाहिर की और न ही ड्राइविंग लाइसेंस या आईडी दिखाने के निर्देशों का पालन किया. इस दौरान, युवक ने अमानतुल्लाह खान को फोन किया और उन्हें पुलिस के स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) से बात करने को कहा. हालांकि, पुलिस ने अपने कर्तव्य को निभाते हुए नियमों का उल्लंघन करने पर चालान जारी किया और बाइक को जब्त कर लिया. पुलिस ने बताया कि मोटर वाहन अधिनियम की कई धाराओं के तहत इन पर 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

कानून बनाम सत्ता का प्रभाव
इस घटना ने आम आदमी पार्टी की छवि को राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप की आग में झोंक दिया है. भाजपा के आईटी सेल के राष्ट्रीय संयोजक अमित मालवीय ने इस मुद्दे को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी पर तंज कसा. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ये हैं आप-दा के गुंडे. अरविंद केजरीवाल अपने विधायक के बेटे की करतूत पर कुछ बोलेंगे?.

दिल्ली पुलिस की कार्रवाई और सुरक्षा का सवाल
पुलिस का कहना है कि यह मामला केवल राजनीतिक जुड़ाव तक सीमित नहीं है, बल्कि सड़क सुरक्षा और नागरिकों की जिम्मेदारी का सवाल भी है. संशोधित साइलेंसर न केवल शोर प्रदूषण का कारण बनता है, बल्कि यह सड़क पर अन्य लोगों के लिए खतरा भी है. इस घटना से यह स्पष्ट है कि कानून का पालन हर व्यक्ति पर समान रूप से लागू होना चाहिए, चाहे वह किसी भी पद या परिवार से हो. इस मामले ने यह संदेश दिया है कि सड़क पर सुरक्षा और नियमों का सम्मान किसी भी राजनीतिक या सामाजिक प्रभाव से ऊपर होना चाहिए.

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