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निगमबोध घाट पर मनमोहन सिंह की अंत्योष्टि पर सियासी संग्राम

जनता जनार्दन संवाददाता , Dec 28, 2024, 17:39 pm IST
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निगमबोध घाट पर मनमोहन सिंह की अंत्योष्टि पर सियासी संग्राम पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए. उनका दिल्ली के निगमबोध घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. सिंह की तीन बेटियों में से सबसे बड़ी बेटी उपिंदर सिंह ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी. पूर्व पीएम के के निधन के शोक के बीच उनकी अंत्येष्टि और स्मारक स्थल को लेकर उस वक्त एक विवाद भी खड़ा हुआ जब सरकार ने उनका अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर किए जाने का फैसला किया और कांग्रेस ने आरोप लगाया कि देश के पहले सिख प्रधानमंत्री का जानबूझकर का अपमान किया गया है. आम आदमी पार्टी (AAP) व अन्य विपक्षी दल भी सरकार पर हमलावर हैं.

कांग्रेस की मांग थी कि उनका अंतिम संस्कार उसी स्थान पर होना चाहिए जहां उनका स्मारक बन सके. हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार रात कहा कि सरकार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए स्थान आवंटित करेगी.

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि मनमोहन सिंह जी का अंतिम संस्कार आज निगमबोध घाट पर करवाकर वर्तमान सरकार द्वारा उनका सरासर अपमान किया गया है.' उन्होंने X पर लिखा, 'आज तक सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों की गरिमा का आदर करते हुए उनके अंतिम संस्कार अधिकृत समाधि स्थलों में किए गए ताकि हर व्यक्ति बिना किसी असुविधा के अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि दे पाए. डॉ. मनमोहन सिंह हमारे सर्वोच्च सम्मान और समाधि स्थल के हकदार हैं. सरकार को देश के इस महान पुत्र और उनकी गौरवशाली कौम के प्रति आदर दिखाना चाहिए था.

दिल्ली के पूर्व सीएम और AAP के मुखिया, अरविंद केजरीवाल ने X पर लिखा, 'ये खबर सुनकर मैं स्तब्ध हूं. भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी का अंतिम संस्कार निगम बोध घाट पर किया गया. इसके पूर्व भारत के सभी प्रधानमंत्रियों का अंतिम संस्कार राजघाट पर किया जाता था. सिख समाज से आने वाले, पूरी दुनिया में ख्याति प्राप्त, 10 वर्ष भारत के प्रधानमंत्री रहे डॉ. मनमोहन सिंह जी के अंतिम संस्कार और समाधि के लिए बीजेपी सरकार 1000 गज जमीन भी न दे सकी?

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार ने सिंह जैसे महान व्यक्तित्व के अंतिम संस्कार एवं स्मारक बनाने को लेकर 'अनावश्यक विवाद' पैदा किया है. गहलोत ने X पर लिखा, 'राजग सरकार ने डॉ. मनमोहन सिंह जी जैसे महान व्यक्तित्व के अंतिम संस्कार एवं स्मारक बनाने को लेकर अनावश्यक विवाद पैदा किया है. जिस व्यक्ति को दुनिया सम्मान दे रही है उसका अंतिम संस्कार भारत सरकार किसी विशेष स्थान की जगह निगम बोध घाट पर करवा रही है.

गहलोत ने लिखा,'2010 में हमारी सरकार ने भाजपा द्वारा मांग किए बिना ही पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत के निधन के बाद उनके परिवार से बात करके जयपुर में उनके अंतिम संस्कार के लिए तुरंत विशेष जगह आवंटित की एवं वहीं स्मारक निर्माण करवाया. कांग्रेस सरकार ने 2012 में महाराष्ट्र में बाल ठाकरे के निधन के बाद मुंबई के शिवाजी पार्क में विशेष स्थान आवंटित कर अंतिम संस्कार करवाया था.

गहलोत ने लिखा, 'कांग्रेस ने हमेशा सभी पार्टियों के नेताओं को सम्मानजनक विदाई दी परंतु भाजपा द्वारा डॉ मनमोहन सिंह जी के साथ ऐसा व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण है.' उन्होंने कहा, 'आज उनके निधन पर पूरा देश शोक में है और देश के लोगों ने सरकार के इस कदम पर नाराजगी जताई तो जनभावना के दबाव में भाजपा सरकार भविष्य में स्मारक बनाने की घोषणा कर रही है.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार रात कहा कि सरकार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए स्थान आवंटित करेगी. MHA ने कहा कि इस बारे में उनके परिवार तथा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को सूचित कर दिया गया है. एक विज्ञप्ति में मंत्रालय ने कहा कि सरकार को कांग्रेस प्रमुख खरगे से सिंह के स्मारक के लिए स्थान आवंटित करने का अनुरोध प्राप्त हुआ है. कैबिनेट की बैठक के तुरंत बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खरगे और मनमोहन सिंह के परिवार को सूचित किया कि सरकार स्मारक के लिए स्थान आवंटित करेगी.

गृह मंत्रालय ने कहा कि ट्रस्ट का गठन किया जाना है और स्थान आवंटित किया जाना है, इस बीच मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार और अन्य औपचारिकताएं पूरी की जा सकती हैं.

शनिवार को, देश तथा दुनिया के कई गणमान्य लोगों, राजनीतिज्ञों और आम लोगों ने नम आंखों से मनमोहन को अंतिम विदाई दी. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और कई अन्य हस्तियों ने सिंह को निगमबोध घाट पर श्रद्धांजलि अर्पित की.

भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और मॉरीशस के विदेश मंत्री धनंजय रामफुल ने भी निगमबोध घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को श्रद्धासुमन अर्पित किए. सिंह की अंत्येष्टि के समय उनकी पत्नी गुरशरण कौर, तीनों पुत्रियां और कई रिश्तेदार मौजूद थे. पूर्व प्रधानमंत्री का सिख धर्म के अनुष्ठानों और उद्घोष के साथ अंतिम संस्कार किया गया. इससे पहले, कांग्रेस मुख्यालय से निगमबोध घाट तक उनकी अंतिम यात्रा निकली. इस दौरान कांग्रेस के कार्यकर्ता 'जब तक सूरज चांद रहेगा, मनमोहन आपका नाम रहेगा' और 'मनमोहन सिंह अमर रहें' जैसे नारे लगाते रहे.

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