कैसे निकिता ने दिया पुलिस को चकमा?
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Dec 16, 2024, 17:40 pm IST
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AI इंजीनियर अतुल सुभाष की पत्नी पुलिस को चकमा देने में भी पीछे नहीं थी. अतुल सुभाष आत्महत्या मामले में पत्नी निकिता सिंघानिया को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. पुलिस सूत्रों ने सोमवार को बताया कि पुलिस की सर्विलांस रडार से बचने के लिए वह सिर्फ वॉट्सऐप कॉल करती थी और हर दिन अपनी लोकेशन बदलती थी.
निकिता को बेंगलुरु पुलिस ने गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था. उसकी मां निशा और भाई अनुराग को प्रयागराज से पकड़ा गया था. अपने पति के सुसाइड मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए भी निकिता ने जमानत पाने की कोशिश की थी. पिछले हफ्ते बेंगलुरु में अपने घर पर अतुल सुभाष ने आत्महत्या कर ली थी. उसने पत्नी और उसके परिवार पर बेहद संगीन आरोप लगाए थे. उसने 68 मिनट के वीडियो में बताया था कि किस तरह से निकिता और उसके परिवारवालों ने उसकी जिंदगी जहन्नुम बना दी थी. उसने अपने पीछे 24 पन्ने का सुसाइड नोट भी छोड़ा था. पुलिस सूत्रों ने बताया कि जब आरोपियों को पता चला कि कर्नाटक पुलिस उनको गिरफ्तार करने आ रही है तो उन्होंने यूपी के जौनपुर स्थित अपने घर पर ताला लगा दिया था. इसके बाद पुलिस ने घर की दीवारों पर नोटिस चिपकाकर उनको तीन दिन के भीतर पेश होने को कहा. आरोपियों को पकड़ने के लिए स्पेशल टीम ने सभी करीबी दोस्तों और रिश्तेदारों की एक लिस्ट तैयार की, जिन पर उनके साथ संपर्क में होने का शक था. आरोपियों पर निगरानी बढ़ा दी गई क्योंकि वे बातचीत करने के लिए वॉट्सऐप कॉल का इस्तेमाल कर रहे थे. इस वजह से पुलिस के लिए उनको ट्रैक कर पाना मुश्किल हो रहा था. लेकिन निकिता ने एक गलती कर दी. उसने अपने एक रिश्तेदार को फोन से कॉल कर दिया. जैसे ही उसने कॉल किया, पुलिस अलर्ट हो गई. टावर की लोकेशन के आधार पर पुलिस गुरुग्राम पहुंची. पुलिस ने पाया कि निकिता रेल विहार इलाके में एक पीजी में छिपी हुई थी, जहां से उसे हिरासत में ले लिया गया. जब पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपनी मां और भाई को फोन मिलाया. पुलिस ने उनकी लोकेशन हासिल की और उत्तर प्रदेश के झुनसी शहर से पकड़ लिया. पुलिस ने बेंगलुरु ले जाते समय उनसे नौ घंटे तक पूछताछ की. पुलिस ने यह भी सुनिश्चित किया कि 2 वर्षीय बच्चे को उसके एक रिश्तेदार की सुरक्षा में रखा जाए. अतुल के परिवार ने मांग की है कि बच्चे को उनको सौंप दिया जाए. अगर जांच की जरूरत पड़ी तो पुलिस बॉडी वारंट पर आरोपी की हिरासत मांग सकती है. निकिता और उसका परिवार कोर्ट में जमानत याचिका दायर करने की तैयारी कर रहा है. |
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