![]() |
एक देश एक चुनाव कितना जरूरी है.. क्या समय की मांग है देश में एक साथ इलेक्शन कराना?
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Dec 14, 2024, 17:02 pm IST
Keywords: Analysis एक देश एक चुनाव 129वां संशोधन विधेयक लोकसभा
![]() यह भी सही है कि चुनाव एक महंगी और जटिल प्रक्रिया है. हर बार चुनाव आयोजित करने में करोड़ों रुपये खर्च होते हैं. अलग-अलग राज्यों में चुनाव होने से न केवल धन की बर्बादी होती है, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था पर भी बोझ बढ़ता है. एक साथ चुनाव से यह खर्च काफी हद तक कम किया जा सकता है. साथ ही, सुरक्षा बलों और चुनाव आयोग की दक्षता भी बढ़ाई जा सकती है, जिससे लोकतंत्र को और मजबूत किया जा सके. इस विधेयक में संविधान के अनुच्छेद 82ए, 83, 172 और 327 में संशोधन करने का प्रस्ताव है. इसका उद्देश्य लोकसभा और विधानसभाओं के चुनावों को एक साथ आयोजित करने की कानूनी प्रक्रिया को सरल बनाना है. नए प्रावधान के तहत, लोकसभा की पहली बैठक की तारीख को ‘नियत तिथि’ माना जाएगा, और इसके आधार पर सभी चुनाव एक ही चक्र में होंगे. हालांकि, अगर किसी विधानसभा का कार्यकाल पहले समाप्त होता है, तो उसका चुनाव केवल शेष अवधि के लिए होगा. हालांकि ‘एक देश, एक चुनाव’ की अवधारणा कई फायदे प्रस्तुत करती है, लेकिन इसे लागू करना आसान नहीं है. देश में विविध राजनीतिक परिस्थितियां, क्षेत्रीय दलों की भूमिका और राज्यों के अलग-अलग मुद्दे इस प्रस्ताव के सामने बड़ी चुनौतियां खड़ी कर सकते हैं. फिर भी, अगर इसे सही तरीके से लागू किया जाए, तो यह न केवल प्रशासन को सुचारू बनाएगा, बल्कि भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को और अधिक स्थिरता और पारदर्शिता भी देगा. एजेंसी इनपुट |
क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं? |
|
हां
|
|
नहीं
|
|
बताना मुश्किल
|
|
|
सप्ताह की सबसे चर्चित खबर / लेख
|