बम की धमकी देने वाले को कितनी मिलती है सजा?
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Dec 14, 2024, 16:44 pm IST
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दिल्ली के बड़े और नामी स्कूलों को एक के बाद बम की धमकी भरा ई-मेल आ रहा है. हालांकि, जांच के दौरान ये धमकियां अफवाह साबित हो जाती हैं, लेकिन स्कूल प्रबंधन, बच्चों और उनके अभिभावकों समेत पुलिस और प्रशासन के लिए ये बड़ा सिरदर्द साबित होता है. काफी जांच-पड़ताल और उसके लिए अपनाई जाने वाली सावधानियों के चलते बड़ी संख्या में लोग परेशान होते हैं.
दिल्ली के स्कूलों को बम से दहलाने की धमकी देने वाले अपराधी अपने ईमेल में आमतौर पर लिखते हैं, “ये ईमेल आपको ये सूचित करने के लिए भेजा जा रहा है कि आपके स्कूल में विस्फोटक रखा गया है. ये बात हमें पता है कि आप बच्चों के बैग की जांच बार-बार नहीं करते हैं. इस पूरे प्रकरण का हिस्सा एक सीक्रेट डार्क वेब ग्रुप है. इसके साथ ही एक रेड रूम भी इसका हिस्सा है. हमें पता है आने वाले दो दिनों में स्कूल में एक पेरेंट्स टीचर्स मीटिंग और स्पोर्ट्स इवेंट होगा. बैग में जो विस्फोटक है वो इमारतों को नुकसान पहुंचाने और लोगों की जान लेने के लिए काफी है. स्कूलों को बम से उड़ाने की झूठी धमकी देने वालों के चलते पुलिस और प्रशासन समेत आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. स्कूलों में बम होने की धमकी देने, इसकी झूठी खबर या अफवाह फैलाने पर कानूनन सजा का प्रावधान है. सबसे पहली बात यह है कि फेक न्यूज़ फैलना अपने आप में एक अपराध है. लेकिन अगर बम होने की अफवाह फैलाते हैं तो यह काफी घातक भी है. इससे न सिर्फ सरकार को बल्कि देश के नागरिकों को भी काफी नुकसान होता है. इस तरह के केस में बम की झूठी धमकी देने वाले या अफवाह उड़ाने वाले शख्स को 10 साल तक की जेल हो सकती है. इसके अलावा, इस तरह के आपराधाकि मामलों में मोटा जुर्माना भी लगाया जा सकता है. अगर स्थिति ज्यादा गंभीर होती है तो अपराधी को दोषी पाए जाने पर अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट (UAPA) के तहत भी मुकदमा दर्ज हो सकता है. आमतौर पर आपराधिक धमकी के दोषियों को दो साल तक की कैद या जुर्माना या फिर दोनों सजाएं मिलती हैं. वहीं, मौत या गंभीर चोट पहुंचाने, आग से किसी प्रॉपर्टी को नष्ट करने के लिए धमकी दी जाती है तो सात साल तक की सजा या जुर्माना या फिर दोनों से दंडित किया जाता है. कानून के जानकार बताते हैं कि भले ही वह मजाक के रूप में दी गई हो, लेकिन किसी भी तरह की बम की धमकी को कानून गंभीर अपराध की श्रेणी में रखता है. ऐसी धमकी से अफरातफरी का माहौल बन सकता है. ऐसे में बम की धमकी देने वाले को अलग-अलग धाराओं के तहत 10 साल तक की सजा हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट अश्विनी कुमार दुबे के मुताबिक, बम की धमकी देने पर 10 साल तक सजा तो हो ही सकती है. हालांकि, अगर ऐसा लगता है कि ऐसी धमकी जानबूझकर दी गई है, आतंकवादी गतिविधियों से प्रेरित होकर या कोई आतंकी साहित्य पढ़कर ऐसा किया गया है तो पुलिस और दूसरी जांच एजेंसियां अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट (UAPA) के तहत भी कार्रवाई कर सकती है. हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करता है कि किन परिस्थितियों में ऐसा किया गया है, लेकिन इसका अंतिम फैसला अदालत करती है. दिल्ली पुलिस ने स्कूलों में बम की धमकी के मामलों में भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (2) यानी जनता के बीच डर फैलाने, धारा 507 यानी गुमनाम संचार जरिए आपराधिक धमकी देने और 120 (बी) यानी आपराधिक साजिश रचने की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. इन धाराओं में दोषी पाए जाने पर कठोर सजा का प्रावधान है. क्योंकि आईपीसी की धारा 505 (2) एक गैर जमानती संज्ञेय अपराध है. इसके तहत तीन से पांच साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है. वहीं, धारा 507 के तहत दो साल तक की कैद की सजा हो सकती है. यह सजा किसी और धारा में मिली सजा के अतिरिक्त होती है. इसके अलावा, दो साल या उससे अधिक समय के लिए कैद के लिए दंडनीय आपराधिक साजिश में शामिल होने वाले पर धारा 120बी के तहत कार्रवाई की जा सकती है. |
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