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संभल: जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर को लेकर सबके अपने दावे

जनता जनार्दन संवाददाता , Nov 29, 2024, 15:50 pm IST
Keywords: Sambhal    Jama Masjid    Harihar Mandir   संभल मस्जिद   Gazetteer Moradabad  
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संभल: जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर को लेकर सबके अपने दावे संभल मस्जिद विवाद पर आपको सुप्रीम कोर्ट से लेकर जामा मस्जिद में बीते हफ्ते भर से क्या कुछ चल रहा है, उसकी हर खबर से आपको बाखबर कर रहा है. मंदिर या मस्जिद से जुड़े मामले को लेकर शुक्रवार को बड़ी जानकारी सामने आई है. पुराने सरकारी दस्तावेजों, अभिलेखों और किताबों के हवाले से की जा रही बातों  के बीच गजेटियर मुरादाबाद में दावा किया गया है कि संभल में मंदिर पृथ्वी राज चौहान ने बनवाई थी. मंदिर को बाद में इस्लामी शासक ने मस्जिद में बदला. संभल का पुराना नाम संभलापुर था. पूरा शहर बिखरे हुए टीलों पर था. इस्लामी शासन आने से पहले किले पर भगवान विष्णु का मंदिर था. किले पर बने मंदिर का नाम हरि मंदिर था. साल 1968 में गजेटियर मुरादाबाद में इसकी जानकारी दी गई है.

संभल के कथित जामा मस्जिद का इतिहास क्या है? मस्जिद से पहले क्या यहां मंदिर था, जैसा कि गजट में दिखाया गया है. इस मुद्दे पर हमने बात की इतिहासकारों से भी बात की है.

संभल की शाही जामा मस्जिद पर आपको एक और जानकारी की बात करें तो साल 1879 में आई ASI की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए थे.

-साल 1879 में ASI की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ.

-सर्वे रिपोर्ट में कहा गया कि मस्जिद के भीतर के खंभे मंदिर के थे.

साथ ही मस्जिद के बाहर के खंभे भी मंदिर के ही थे.

-रिपोर्ट में कहा गया कि इन खंभों पर प्लास्टर चढ़ाया गया था.

-जब ये प्लास्टर हटाए गए तो स्तंभ लाल रंग का निकला.

-मस्जिद के खंभे लाल रंग के थे ये ठीक वैसे ही थे जै प्रचीन मंदिरों के स्तंभ होते हैं.

-मस्जिद के अंदर एक शिलालेख भी है, जिसमें ये मस्जिद कब बना ये दिखाया गया है.

अब आपको मुगलों के दस्तावेज में लिखी गई चीजों के बारे में बताते हैं. जैसे बाबरनामा और आईने अकबरी में क्या लिखा गया है.

बाबरनामा (पेज नंबर-687)  में लिखा है - संभल में मंदिर को मस्जिद में बदला गया. बाबर के आदेश पर वहां मस्जिद बन गई. बाबर के चाकर मीर बेग ने इस काम को पूरा करवाया. मस्जिद में आज भी एक शिलालेख है.

आईने-ए-अकबरी (पेज नंबर-281) में लिखा है - संभल में हरि मंडल नाम का मंदिर. विष्णु का मंदिर एक ब्राह्मण का है. यहीं भगवान कल्कि का जन्म होगा. ये जगह जमाल का विश्राम स्थल है.

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