यूपी में जारी रहेगी मदरसों में पढ़ाई
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Nov 05, 2024, 15:48 pm IST
Keywords: Supreme Court Decision उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा सुप्रीम कोर्ट इलाहाबाद हाई कोर्ट
उत्तर प्रदेश में मदरसा शिक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला दिया है. कोर्ट ने यूपी मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004 को संवैधानिक करार दिया है. इसका मतलब ये है कि यूपी में मदरसों में 12 लाख से ज़्यादा बच्चे पढ़ते रहेंगे, उनकी पढाई प्रभावित नहीं होगी. कोर्ट ने इस एक्ट को असंवैधानिक करार देने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में साफ किया है कि सरकार मौजूदा जरूरतों के मुताबिक क्वालिटी एजुकेशन सुनिश्चित करने के लिए मदरसों को रेगुलेट कर सकती है.
इसका मतलब ये नहीं है कि सरकार मदरसो के संचालन के अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकार में दखल दे. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ किया है कि इस एक्ट के तहत पोस्टग्रेजुशन और ग्रेजुशन की डिग्री नहीं दी जा सकती..कोर्ट के एक्ट के इस हिस्से का रद्द कर दिया है जिसके तहत कामिल(यूजी), फाजिल ( पीजी ) की डिग्री दी जा सकती थी. कोर्ट ने कहा कि एक्ट के ये प्रावधान यूजीसी एक्ट के खिलाफ है. 22 मार्च को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004 को असंवैधानिक और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के खिलाफ बताया था. मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्री रहते गए ये क़ानून राज्य सरकार ने पास किया था. हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि राज्य सरकार को ये अधिकार नहीं है कि वो किसी धर्म विशेष की धार्मिक शिक्षा के लिए एक अलग से बोर्ड का गठन करें.अगर सरकार ऐसा करती है तो ये सेकुलरिज्म की अवधारणा के खिलाफ है. कोर्ट ने मरदसो में छात्रों को मिल रही शिक्षा की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए थे. हाई कोर्ट ने राज्य में मदरसों और उनमें पढ़ने वाले छात्रों की बड़ी सँख्या के मद्देनजर यूपी सरकार से कहा था कि वो मरदसो में पढ़ रहे बच्चों को औपचारिक शिक्षा देने वाले दूसरे स्कूलों में शामिल करें. इसके लिए अगर ज़रूरत हो, तो सरकार इन स्कूलों में अतिरिक्त सीट की व्यवस्था करें या फिर नए स्कूल खोलें जाएं. |
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