Thursday, 21 November 2024  |   जनता जनार्दन को बुकमार्क बनाएं
आपका स्वागत [लॉग इन ] / [पंजीकरण]   
 

1 नवंबर से UPI में हुए ये बड़े बदलाव, अगर करते हैं ऑनलाइन पेमेंट तो

जनता जनार्दन संवाददाता , Nov 02, 2024, 18:32 pm IST
Keywords: UPI Rule Change   यूपीआई ऑनलाइन पेमेंट   1 नवंबर से UPI   नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया  
फ़ॉन्ट साइज :
1 नवंबर से UPI में हुए ये बड़े बदलाव, अगर करते हैं ऑनलाइन पेमेंट तो यूपीआई ऑनलाइन पेमेंट करने का नया तरीका है. ज्यादातर लोग यूपीआई का इस्तेमाल करते हैं. यह कैश के लेन-देन को खत्म कर देता है, जिससे लोगों को अपने साथ कैश रखने की जरूरत नहीं होती. वे आसानी से अपने बैंक अकाउंट से पेमेंट कर सकते हैं. 1 नवंबर से UPI में दो नए बदलाव हुए हैं. नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने छोटे डिजिटल पेमेंट को आसान करने के लिए ऑटो टॉप-अप फीचर पेश किया है. इसके साथ ही UPI Lite के लिए ट्रांजैक्शन लिमिट भी बढ़ा दी है. आइए आपको इनके बारे में बताते हैं. 

नई गाइडलाइन्स के तहत यूजर्स अब बिना पिन दर्ज किए 1 हजार रुपये तक के ट्रांजैक्शंस कर सकते हैं. पहले यह लिमिट 500 रुपये थी. वॉलेट में रखे जाने वाले बैलेंस की मैक्सिमम लिमिट भी 2 हजार रुपये से बढ़ाकर 5 हजार रुपये कर दी गई है. हालांकि, डेली ट्रांजैक्शंस की लिमिट 4 हजार रुपये ही बनी हुई है.

ऑटो टॉप-अप फीचर यूजर के UPI Lite अकाउंट को बैलेंस के निर्धारित सीमा से नीचे जाने पर अपने आप रिचार्ज कर देता है. यूजर्स अपने यूपीआई ऐप के जरिए टॉप-अप अमाउंट सेट कर सकते हैं, जिसमें प्रति दिन पांच ऑटोमैटिक रिचार्ज की सीमा होती है. NPCI के एक बयान में कहा गया है कि "यह 500 रुपये से कम के पेमेंट के लिए बिना पिन के पेमेंट करने को सपोर्ट करेगा," जिसने 27 अगस्त 2024 को ऑटो टॉप-अप फीचर शुरू किया गया.

ऑटो टॉप-अप फीचर का उपयोग करने के लिए यूजर्स को अपने UPI ऐप के माध्यम से इसे सेट अप करने की जरूरत होती है, जो उनके बैंक खाते से उनके UPI Lite वॉलेट में ऑटोमैटिक फंड ट्रांसफर करने की सुविधा देता है. यूजर्स किसी भी समय इसे कैंसिल भी कर सकते हैं. इन फीचर्स से UPI लाइट डेली कम कीमत वाले लेनदेन के लिए ज्यादा सुविधाजनक हो जाएगा. 

अक्टूबर 2024 में NPCI ने 16.58 बिलियन UPI लेनदेन दर्ज किए, जिनकी कुल राशि 23.5 ट्रिलियन रुपये थी. यह सितंबर की तुलना में मात्रा में 10% और मूल्य में 14% की वृद्धि को दर्शाता है, जो मुख्य रूप से फेस्टिवल सीजन के दौरान बढ़ जाती है. 
अन्य राष्ट्रीय लेख
वोट दें

क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं?

हां
नहीं
बताना मुश्किल