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ये हार शर्मनाक है...स्पिन पिच पर भी रोहित ब्रिगेड ने टेके घुटने
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Oct 26, 2024, 16:29 pm IST
Keywords: India vs New Zealand बेंगलुरु टेस्ट सीरीज भारत में टेस्ट सीरीज वानखेड़े स्टेडियम टॉम लैथम
![]() 1955 से न्यूजीलैंड की टीम भारत का दौरा कर रही है, लेकिन कभी भी उसने यहां कोई टेस्ट सीरीज नहीं जीती थी. हालांकि अब वक्त बदल गया है. न्यूजीलैंड की युवा टीम ने टॉम लैथम की कप्तानी में 69 साल का सूखा खत्म करते हुए इतिहास रच दिया है. 69 साल में पहली बार कीवी टीम ने भारत को भारत में ही टेस्ट सीरीज में धूल चटाई है. न्यूजीलैंड ने तीन मैचों की टेस्ट सीरीज पर कब्जा जमाते हुए 2-0 से अजेय बढ़त बना ली है. न्यूजीलैंड के कप्तान टॉम लैथम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया. यही से मैच पलट गया. इस मैदान पर अब तक टॉस जीतने वाली टीमें ही टेस्ट मैच में जीती थीं. अब फिर से एक बार ऐसा ही हुआ है. कीवी टीम ने पहली पारी में 259 रन बनाए. भारतीय टीम पहली पारी में 156 रन पर ढेर हो गई. न्यूजीलैंड को 103 रन की बढ़त हासिल हुई. उसने दूसरी पारी में 255 रन बनाकर अपनी बढ़त 358 रन की कर ली. इस तरह टीम इंडिया को जीत के लिए 359 रन का टारगेट मिला. रोहित शर्मा की टीम 245 पर सिमट गई. 359 रन के टारगेट के सामने भारतीय बल्लेबाज बेबस नजर आए. यशस्वी जायसवाल ने उतरते ही काउंटर अटैक जरूर किया, लेकिन लगातार विकेट गिरने के कारण टीम इंडिया संभल नहीं पाई. यशस्वी ने 65 गेंद पर 77 रन बनाए. रोहित शर्मा 8, शुभमन गिल 23, विराट कोहली 17 और सरफराज खान 9 रन बनाकर आउट हुए. ऋषभ पंत खाता नहीं खोल सके. वॉशिंगटन सुंदर ने 21 रन बनाकर थोड़ी देर तक लड़ाई लड़ी. रविचंद्रन अश्विन 18 रन बनाकर पवेलियन लौट गए. रवींद्र जडेजा ने आखिरी में 42 रन बनाए, लेकिन ये टीम के लिए काफी नहीं थे. न्यूजीलैंड के लिए मिचेल सैंटनर ने सबसे ज्यादा 6 विकेट लिए. उन्होंने पहली पारी में 7 विकेट लिए थे. 12 साल बाद घर में सीरीज हारे 12 साल बाद घर में टीम इंडिया ने कोई टेस्ट सीरीज गंवाई है. आखिरी बार भारतीय सरजमीं पर इंग्लैंड ने टीम इंडिया के खिलाफ साल 2012 में खेली गई चार मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-1 से जीत हासिल की थी. साल 2012 में खेली गई टेस्ट सीरीज में इंग्लैंड के गेंदबाजों ने भारत के दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग के बल्ले पर अंकुश लगाए रखा था. उस टेस्ट सीरीज में ज्यादातर मौकों पर सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग के फ्लॉप होने से भारतीय टीम को नुकसान झेलना पड़ा था. वहीं, इंग्लैंड की तरफ से तत्कालीन कप्तान एलिस्टेयर कुक और केविन पीटरसन रनों की बरसात कर रहे थे. एलिस्टेयर कुक और केविन पीटरसन ने उस सीरीज में ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को बेअसर साबित कर दिया था. |
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