जब धरती पर लॉकडाउन हुआ तो चांद भी ठंडा पड़ गया था
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Sep 30, 2024, 17:14 pm IST
Keywords: Science News in Hindi कोविड-19 पृथ्वी का चंद्रमा ठंडा Covid Lockdown Effect on Moon
कोविड-19 के चलते करीब सवा चार साल पहले पूरी दुनिया लॉकडाउन में थी. लोग घरों में कैद थे तो प्रकृति खुद को 'रीसेट' करती नजर आई. हवा साफ हो गई; पेड़-पौधों को, जंगली जानवरों को सदियों में पहली बार इंसानों की दखलअंदाजी के बिना जीने का अनुभव मिला. जब पूरी दुनिया उस भयावह महामारी के साये में थी, तब पृथ्वी का चंद्रमा ठंडा पड़ता जा रहा था. भारतीय वैज्ञानिकों की रिसर्च में पता चला है कि अप्रैल-मई 2020 के दौरान, लॉकडाउन के समय चंद्रमा के तापमान में असामान्य गिरावट देखी गई. Royal Astronomical Society: Letters के मंथली नोटिसेज में छपी स्टडी बताती है कि पृथ्वी और चंद्रमा एक-दूसरे से कितना जुड़े हुए हैं.
फिजिकल रिसर्च लैबोरेटरी (PRL) के रिसर्चर्स ने NASA के Lunar Reconnaissance Orbiter (LRO) के डेटा की मदद ली. उन्होंने 2017 से 2023 के बीच चंद्रमा की छह अलग-अलग जगहों पर रात के समय आए बदलावों का एनालिसिस किया. उन्होंने पाया कि लॉकडाउन के दौरान, बाकी सालों के उसी समय (अप्रैल-मई) के मुकाबले तापमान में लगातार 8-10 केल्विन की गिरावट दर्ज की गई. चूंकि तमाम फैक्ट्रियां, कारें और अन्य प्रदूषणकारी गतिविधियां बंद थीं, इंसान भी घर से बाहर नहीं निकल रहे थे, तो ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में खासी गिरावट आई. इससे पृथ्वी के वायुमंडल में कम ऊष्मा फंसी और फिर से उत्सर्जित हुई. PRL के रिसर्चर्स मानते हैं कि लॉकडाउन की वजह से पृथ्वी के रेडिएशन में कमी आई, जिसकी वजह से चंद्रमा पर तापमान घटने लगा. चंद्रमा एक तरह से धरती के रेडिएशन सिग्नेचर के एम्प्लीफायर की तरह काम करता है. रिसर्चर्स ने यूं तो 12 साल के डेटा का एनालिसिस किया, लेकिन अपनी स्टडी में सात साल (2017-2023) का इस्तेमाल किया है. यानी लॉकडाउन से तीन साल पहले और तीन साल बाद के तापमान का. 2020 में साइट-2 पर सबसे कम तापमान 96.2 K था, जबकि 2022 में साइट-1 पर सबसे कम तापमान 143.8 K था. आम तौर पर, 2020 में अधिकांश साइटों पर सबसे कम तापमान देखा गया. जैसे ही विभिन्न देशों ने लॉकडाउन हटाना शुरू किया, 2021 और 2022 में चंद्रमा पर गर्मी बढ़ने लगी. चंद्रमा का तापमान घटने के पीछे सौर गतिविधियां या फ्लक्स में मौसमी बदलाव भी वजह हो सकती थीं. लेकिन रिसर्चर्स के मुताबिक, अन्य संभावित वजहों की भी जांच की गई जिसके नतीजे बताते हैं कि इनमें से किसी का भी देखे गए सिग्नेचर पर प्रभाव नहीं पड़ा. इससे भारतीय वैज्ञानिक इस नतीजे पर पहुंचे कि केवल कोविड लॉकडाउन की वजह से ऐसा हुआ होगा. |
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