![]() |
अभी नहीं सुधरे तो धरती पर मचेगी भयंकर तबाही
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Sep 26, 2024, 19:28 pm IST
Keywords: Green House Gases ग्रीन हाउस गैस परिवर्तनशीलता ग्रीनहाउस वार्मिंग
![]() वहीं, ला नीनो सर्दी की अवस्था को दर्शाता है. इन दोनों का संबंध अल नीनो-दक्षिणी दोलन (ईएनएसओ) से है. कई स्टडीज से सबूत मिले हैं कि लगातार गर्म होती जलवायु अल नीनो की घटनाओं को जल्दी और तेजी से लाने की परिस्थितियां बनाती हैं जो मौसम की चरम घटनाओं का कारण बनती हैं. अमेरिका के कोलोराडो बोल्डर यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों समेत अन्य की स्टडी में पिछले 21,000 साल में अल नीनो की घटनाओं को एक्टिव करने के लिए कंप्यूटर मॉडल का इस्तेमाल किया गया. नेचर’मैग्जीन में छपी स्टडी में लेखकों ने कहा कि ईएनएसओ में उच्चतम परिवर्तनशीलता ग्रीनहाउस वार्मिंग की प्रतिक्रिया में होती है और दो में से एक घटना चरम स्थित तक पहुंच जाती है. कोलोराडो बोल्डर यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर और प्रमुख लेखक पेड्रो डिनेज़ियो के मुताबिक, स्टडी के नतीजों का मतलब है कि लोगों को उभरने में उम्मीद से कम समय मिलेगा, साथ ही जान और माल पर ज्यादा प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने कहा कि अगर ये चरम स्थितियां जल्दी-जल्दी आएंगी तो समाज के पास अगले अल नीनो से पहले उभरने और खुद को फिर से खड़ा करने के लिए पर्याप्त वक्त नहीं होगा. डिनेज़ियो ने कहा कि इसके परिणाम विनाशकारी होंगे. सबसे हालिया 2023-24 के अल नीनो को पिछले साल जून से लगातार 12 महीनों के दौरान वैश्विक तापमान में आई रिकॉर्ड वृद्धि से जोड़ा गया है. |
क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं? |
|
हां
|
|
नहीं
|
|
बताना मुश्किल
|
|
|