पुलिस कब करती है एनकाउंटर? क्या हैं इसके नियम-कायदे
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Sep 25, 2024, 18:05 pm IST
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ऐसा लगता है जैसे देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में एनकाउंटर का दौर चल रहा है. कन्नौज, गाजियाबाद, बिजनौर और उन्नाव में धड़ाधड़ एनकाउंटर से पूरा राज्य हिल गया है. विपक्ष इसे लेकर योगी सरकार पर लगातार हमला बोल रहा है.
यूपी में अब तक 207 अपराधी पुलिस की गोली से मारे गए हैं. आज हम आपको बताएंगे कि एनकाउंटर को लेकर पुलिस के लिए क्या नियम-कायदे हैं. आखिर वो कौन सी स्थिति होती है, जब पुलिस के सामने गोली चलाने की नौबत आ जाती है. एनकाउंटर, जिसे हिंदी में मुठभेड़ कहा जाता है. यह शब्द 20वीं सदी के बाद से भारत-पाकिस्तान में ज्यादा प्रचलित हुआ. तब आतंकियों और गैंगस्टर्स को पुलिस या सुरक्षाकर्मी सेल्फ डिफेंस में मारते थे. कुछ लोग इसकी आलोचना भी करते हैं. उनका कहना है कि पुलिस इसका इस्तेमाल फेक एनकाउंटर्स के लिए करती है. हालांकि ऐसा कोई कानून भारत में नहीं है, जिसके तहत पुलिसवाले किसी अपराधी का एनकाउंटर कर सकें. लेकिन कुछ स्थितियां हैं, जिनमें पुलिसवाले अपराधियों से निपटने के लिए गोली चला सकते हैं. पहली स्थिति ये कि अगर कोई बदमाश पुलिस कस्टडी से भागने की कोशिश करता है तो सेल्फ डिफेंस में पुलिस गोली चला सकती है. लेकिन उससे पहले उसे वॉर्निंग देकर रोकने की कोशिश की जाती है. अगर वह नहीं रुकता तो फायरिंग की जाती है. लेकिन ज्यादातर मामलों में पुलिस अफसर सेल्फ डिफेंस में ही एनकाउंटर का फैसला करते हैं. एनकाउंटर को लेकर क्या है सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस?
वहीं NHRC ने केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों के लिए पुलिस एनकाउंटर को लेकर कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
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