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डॉक्टरों ने एक महिला के शरीर में विकसित कर दिया गर्भाशय
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Sep 16, 2024, 16:25 pm IST
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![]() डॉक्टरों ने पाया कि वह एक तरह के सिंड्रोम की शिकार है जिसमें वैजाइना और यूट्रस पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाते या गायब रहते हैं. अगले पांच साल तक दवाओं का कोर्स चला. हार्मोन की दवाओं के बाद, 21 साल की उम्र में महिला के शरीर में गर्भाशय विकसित हो गया. मेडिकल जगत में इसे एक उपलब्धि की तरह देखा जा रहा है. जब साथ की लड़कियों को पीरियड्स आने लगे और उसे नहीं तो ऑस्ट्रेलिया में रहने वाली एशले राइली बड़ी परेशान हुईं. उसने एक ऑस्ट्रेलियाई न्यूज वेबसाइट से बातचीत में कहा, 'मेरे लिए, ऐसा कभी नहीं हुआ. मैंने इसके बारे में बात नहीं की, क्योंकि मुझे यकीन नहीं था कि यह सामान्य था या मैं देर से विकसित होने वाली लड़की थी.' 16 साल की उम्र में एशले डॉक्टर्स के पास पहुंची. डॉक्टर ने लड़की का अल्ट्रासाउंड किया और पाया कि उसमें गर्भाशय या गर्भाशय ग्रीवा नहीं है तथा उसकी योनि नली भी छोटी हो गई है. डॉक्टर्स ने पाया कि एशले को MRKH सिंड्रोम है. यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें योनि और गर्भाशय अविकसित या अनुपस्थित रहते हैं, जबकि बाहरी जननांग सामान्य दिखाई देते हैं. अगले पांच साल तक, एशले को तमाम स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स से कंसल्ट करना पड़ा, कई ब्लड टेस्ट, MRIs और स्कैन हुए. उसे एस्ट्रोजन हार्मोन की दवा दी गई. फिर एक इंटरनल अल्ट्रासाउंड में गर्भाशय विकसित होता नजर आया. एक स्पेशलिस्ट ने एशले को बताया कि गर्भाशय का विकास 'दुर्लभ' था. उन्होंने कहा कि आमतौर पर लोग एस्ट्रोजन की दवा लेने से गर्भाशय को 'बढ़ाने' में असफल रहते हैं. एशले को बताया गया कि यदि गर्भाशय बढ़ता रहा तो संभावना है कि वह बाद में गर्भवती हो सके. डॉक्टरों के अनुसार, यदि उसकी दवा में थोड़ा बदलाव कर दिया जाए तो उसे पीरियड्स भी आने लगेंगे. |
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