हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले जेल से बाहर आ रहे केजरीवाल
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Sep 13, 2024, 17:05 pm IST
Keywords: Arvind Kejriwal Coming Out Of Jail आम आदमी पार्टी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से शुक्रवार को नियमित जमानत मिल गई. भ्रष्टाचार के मामले में कई शर्तों के साथ मिले जमानत में केजरीवाल को हरियाणा विधानसभा चुनाव में प्रचार करने की छूट दी गई है. इसलिए जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल शनिवार से हरियाणा चुनाव में सक्रिय हो जाएंगे. इससे पहले हरियाणा विधानसभा चुनाव में सुनीता केजरीवाल आम आदमी पार्टी की जनसभा में खुद को राज्य की बहू बताते हुए मदद की भावुक अपील कर चुकी हैं. उसके बाद से दिल्ली शराब घोटाला में ही जमानत पर बाहर आए मनीष सिसोदिया हरियाणा में प्रचार अभियान को संभाल रहे थे. आइए, जानते हैं कि आम आदमी पार्टी के स्टार प्रचारक केजरीवाल को जमानत मिलने और प्रचार में शामिल होने से उनके गृह राज्य हरियाणा में कितनी सहानुभूति मिलेगी और चुनाव में क्या असर होगा?
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन को नकारते हुए आम आदमी पार्टी हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है. साथ ही भाजपा और कांग्रेस के टिकट से वंचित कई बागियों को आप ने चुनाव मैदान में उतारा है. इसके साथ ही हरियाणा की सीमा से लगे दिल्ली और पंजाब में आप की सरकार है. केजरीवाल खुद हरियाणा से आते हैं. पिछले चुनावों में हरियाणा में आप का प्रदर्शन भी सुधरा है. राष्ट्रीय पार्टी बन चुकी आप को इन सब सियासी वजहों से ही हरियाणा चुनाव में बेहतर करने की उम्मीदें हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति मामले में सीबीआई की ओर से दर्ज मामले में जमानत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले ईडी वाले मामले में 12 जुलाई को ही उन्हें जमानत दे दी थी. 21 मार्च को गिरफ्तारी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार लोकसभा चुनाव के दौरान 10 मई को उन्हें प्रचार के लिए 21 दिन की अंतरिम जमानत दी थी. चुनाव प्रचार खत्म हो जाने और जमानत आगे बढ़ाने से कोर्ट के इनकार के बाद दो जून को उन्होंने तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया था. हरियाणा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की गैरमौजूदगी आम आदमी पार्टी के लिए काफी नुकसानदेह हो सकती थी. हालांकि, सुनीता केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, राज्य सभा सांसद संजय सिंह, राघव चड्ढा और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान हरियाणा विधानसभा चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाल रहे हैं. आम आदमी पार्टी के सबसे बड़े और चुनाव प्रचार में वो भीड़ जुटाने वाले नेता अरविंद केजरीवाल के बाहर आने से नेताओं और कार्यकर्ताओं का जोश काफी बढ़ गया है. इसका असर चुनाव पर दिख सकता है. हरियाणा की सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही आप ने सात सूचियां जारी कर अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है. कांग्रेस और बीजेपी के बागियों को दिल खोलकर टिकट दिए जाने से कई सीटों पर स्थिति मजबूत बताई जा रही है. चुनाव प्रचार के दौरान अरविंद केजरीवाल को हरियाणा का बेटा और सत्तारुढ़ बीजेपी का सताया हुआ बताने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ा जा रहा है. केंद्र और हरियाणा में सरकार चला रही बीजेपी पर लगातार हमलावर केजरीवाल एंटी इनकंबेंसी वाले वोटों को अपनी ओर खींचने की कोशिश में जुटेंगे. हरियाणा चुनाव में अपने कई अंदरूनी खेमे और टिकट नहीं मिलने से नाराज कांग्रेस को केजरीवाल ज्यादा आतंकित कर रहे हैं. क्योंकि आप ने जिन राज्यों में बेहतर प्रदर्शन किया है, वहां कांग्रेस को बुरी तरह कमजोर कर दिया है. हालांकि, हरियाणा में बीजेपी और कांग्रेस के अलावा इनेलो और बसपा के गठबंधन और जेजेपी-एएसपी गठबंधन को भी आम आदमी पार्टी चुनौती दे रही है. हालांकि, भविष्य को लेकर केजरीवाल अधिक सख्त लहजे का इस्तेमाल सिर्फ बीजेपी के खिलाफ कर रहे हैं. किसान आंदोलन को समर्थन की बात को भी आप संयोजक बतौर रणनीति इस्तेमाल कर सकते हैं. लोकसभा चुनाव 2024 में हरियाणा में आम आदमी पार्टी को 3.94 फीसदी वोट मिले थे. इसे आप का अच्छा प्रदर्शन बताया गया था. इससे पहले हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 में आम आदमी पार्टी 46 सीटों पर लड़ी थी. तब काफी निराशाजनक प्रदर्शन करने वाली पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली थी. कई सीटों पर आप के उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो गई थी. वोट शेयर भी महज 0.48 प्रतिशत रहा था. इससे पहले लोकसभा चुनाव 2019 में हरियाणा में आप ने तीन लोकसभा सीटों पर लड़कर 0.36 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किए थे. हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए पांच अक्टूबर को एक ही चरण में सभी 90 सीटों पर मतदान होगा. इसके बाद 8 अक्टूबर को मतगणना होगी और नतीजे सामने आएंगे. पिछली बार यानी साल 2019 में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा को 40 और कांग्रेस को 31 सीटों पर जीत मिली थी. भाजपा ने दुष्यंत चौटाला की जेजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई थी. इससे पहले 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अकेले दम पर बहुमत हासिल कर सरकार का गठन किया था. |
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