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जानिए रेल ट्रैक से छेड़खानी करने पर कितनी है सजा

जनता जनार्दन संवाददाता , Sep 09, 2024, 13:58 pm IST
Keywords: Kalindi Express Train Accident   कानपुर   अनवरगंज-कासगंज   Kalindi Express  
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जानिए रेल ट्रैक से छेड़खानी करने पर कितनी है सजा कानपुर के पास एक बड़ा हादसा होते-होते बच गया. कानपुर में अनवरगंज-कासगंज रेलवे रूट पर आ रही कालिंदी एक्सप्रेस के ट्रैक पर सिलेंडर, बोतल में पेट्रोल और माचिस जैसी संदिग्ध चीजें रखकर रेल हादसे की साजिश रची गई है. रेलवे ट्रैक पर भरा हुआ सिलेंडर रखा था, जिससे अगर तेज रफ्तार गाड़ी टकराती तो डिरेल हो सकती थी. इस हादसे के बाद वहां सनसनी फैल गई है. वहीं सुरक्षा एजेंसियां. पुलिस और रेलवे इस बात की जांच में जुट गया है कि इस साजिश के पीछे कौन है ?  

रेलवे सार्वजनिक संपत्ति है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप उसके साथ कुछ भी कर सकते हैं. बता दें कि रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. रेल यात्रा को जानबूझ कर बाधित करना और हादसे की प्लानिंग करना अपराध है. कानपुर रेल हादसा साजिश मामले में कई धाराओं के तहत कार्रवाई की जा सकती है. रेलवे ने रेल यात्रा को लेकर नियम बनाए हैं. वहीं यात्रा नें बाधा डालने और साजिश रचने वालों के खिलाफ कार्रवाई के भी नियम तय किए हैं. रेलवे ट्रैक को बाधित करने, हादसे की साजिश पर कानूनी कार्रवाई की जाती है.

धारा 174 के तहत रेलवे ट्रैक पर बैठकर या अवरोधक लगाकर, रेल के हौजपाइप से छेड़छाड़ करके या सिग्नल को नुकसान पहुंचाकर ट्रेनों की आवाजाही को बाधित करने पर 2 साल की जेल की सजा या दो हजार रुपये जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान है. अगर कोई रेलवे कर्मचारियों के काम में बाधा डालता है तो उसके खिलाफ धारा 146 व 147 छह माह की सजा या एक हजार रुपये का जुर्माना या फिर दोनों सजा हो सकती है.  

रेल यात्रा को जबरदस्ती रोकना कानूनी तौर पर गलत है.  इसी तरह से  रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने भी कानूनी तौर पर अपराध है. धारा 151 के तहत गर कोई व्यक्ति, एक निश्चति इरादे या जानबूझकर या फिर उसकी जानकारी होने के बाद भी रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है, तो इस सेक्शन के तहत कार्रवाई होगी. अगर कोई रेलवे की संपत्ति को आग लगाता है, विस्फोटक या कुछ और तरीके से नुकसान पहुंचाता है उसके खिलाफ 7 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है.  

रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 152 के तहत यदि कोई व्यक्ति रेलवे ट्रैक पर लकड़ी, पत्थर या अन्य चीजे रखकर रेलगाड़ी को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है तो इसका मतलब है कि वो यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डाल रहा है. ऐसी स्थिति में 10 साल की सजा और जेल हो सकती है.  

 रेलवे संपत्ति को किसी भी तरह से नुकसान पहुंचाने, रेलवे ट्रैक पर बैठकर या अवरोधक लगाकर ट्रेन को रोकने या पटरी से उतारने की कोशिश करने, रेल के हौजपाइप से छेड़छाड़ करके या सिग्नल को नुकसान पहुंचाने की स्थिति में दोषी को दो साल की सजा और दो हजार का जुर्माना हो सकता है.

अगर कोई आरोपी रेलवे की संपत्ति में आग लगाता है या फिर विस्फोट के जरिए उसे नष्ट करने की कोशिश करता है तो उसे 10 साल की सजा के साथ-साथ जुर्माना भरना पड़ सकता है. बता दें कि ट्रेन में आग फैलाने या ज्वलनशील वस्तुएं ले जाना पर रेल अधिनियम, 1989 की धारा 164 के अंतर्गत कार्रवाई की जा सकती है. 

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