भूमि प्रणाम 2024: गुरु अल्पना नायक की वरिष्ठ शिष्या देविका सेठ ने दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Sep 05, 2024, 10:44 am IST
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नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली की यह शाम ओड़िशी के नाम थी. रविवार 1 सितंबर को दोपहर को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के सीडी देशमुख ऑडिटोरियम में दिल्ली स्थित स्वयंसेवी संस्था एसोसिएशन फॉर लर्निंग परफॉर्मिंग आर्ट्स एंड नॉर्मेटिव एक्शन (ए.एल.पी.ए.एन.ए.) ने ओड़िशी नृत्य कार्यक्रम भूमि प्रणाम 2024 का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में गुरु अल्पना नायक की वरिष्ठ शिष्या देविका सेठ ने मंच प्रवेश के माध्यम से एकल ओड़िशी नर्तकी के रूप में अपनी शुरुआत की. साथ ही ओड़िशी शैली में एक समूह नृत्यकला भी प्रस्तुत की गई. ए.एल.पी.ए.एन.ए. (अल्पना) 2003 से सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत एक पंजीकृत संगठन है. सोसायटी का उद्देश्य प्रदर्शन कलाओं को प्रोत्साहित करना और समान मानव विकास और प्रगति की दिशा में कार्य करना है. जिसके अंतर्गत भारत की समावेशी प्रगति और समग्र सांस्कृतिक विरासत पर जोर दिया जाता है.
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय के सचिव आईएएस विवेक भारद्वाज, साथ ही पद्मश्री डॉ. जितेन्द्र सिंह शंटी (सदस्य कोर ग्रुप ऑन ह्यूमन राइट्स डिफेंडर्स एंड एनजीओ, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग), पद्मश्री से सम्मानित विदुषी नलिनी अस्थाना (निदेशक, संगीतिका संस्थान) तथा विश्वम्भर लाल श्रीवास्तव (पूर्व उप-प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, वरिष्ठतम भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी के पूर्व एपीएस) इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि थे. देविका सेठ ने 2003 में 10 वर्ष की आयु में गुरु श्रीमती अल्पना नायक के संरक्षण में अपनी ओड़िशी नृत्य की यात्रा आरंभ की. उन्होंने 2017 में अखिल भारतीय गंधर्व महाविद्यालय मंडल, महाराष्ट्र से विशारद प्रथम की डिग्री हासिल की और 14 वर्ष की आयु से मंच पर प्रदर्शन कर रही हैं. उनकी कुछ उल्लेखनीय भागीदारी में नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन, देहरादून में विरासत महोत्सव, इलाहाबाद में माघ मेला, गुजरात में मोढेरा नृत्य महोत्सव, भुवनेश्वर में अंतर्राष्ट्रीय ओड़िशी महोत्सव, नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ, हिमाचल प्रदेश में कुल्लू दशहरा महोत्सव और अयोध्या में राम महोत्सव 2024 सम्मिलित हैं. देविका दूरदर्शन पर ओड़िशी नृत्य प्रस्तुति में सह-कलाकार भी रहीं. अपने नृत्य कला प्रदर्शन के माध्यम से उन्हें भूटान और वियतनाम में अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी प्रस्तुति का अवसर मिला. भूटान में देविका सेठ ने अपनी गुरु अल्पना नायक के साथ ओड़िशी नृत्य कार्यशाला का आयोजन भी किया. ओड़िशी नृत्य का आरंभ पारंपरिक रूप से मंगलाचरण से किया जाता है. मंगलाचरण में देविका ने देवी सरस्वती की वंदना महाकवि कालिदास की रचना - माणिक्य वीणा मुपाला लयंति - से आरंभ किया जिसमें देवी सरस्वती को 'जगत जननी', 'वाक विलासिनी', 'संगीत रसिके' और 'कल्याणी' के रूप में दर्शाया गया. अगली प्रस्तुति स्थाई नृत्य था जो एक विशुद्ध नृत्य होता है. इसमें उड़ीसा के प्राचीन मंदिरों की विभिन्न मूर्तिकला मुद्राओं को दर्शाया गया. इस प्रस्तुति में नृत्य के साथ-साथ संगीत और लय को भी समान महत्व दिया जाता है. स्थाई के बाद देविका ने संस्कृत गीत 'चंदना चर्चित नीला कलेवर...' पर आधारित एक अभिनय नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, जो कि महान कवि जयदेव द्वारा लिखित गीत गोविंदा का एक अंश है. इस अभिनय में, राधा की एक सखी, भगवान कृष्ण की सुंदरता का वर्णन करती है जो अन्य गोपियों के साथ 'रास' का आनंद ले रहे हैं. अगली प्रस्तुति थी किरवानी पल्लवी, जिसे गुरु अल्पना नायक की वरिष्ठ शिष्या देविका सेठ, आयुषी नायक, अमृत सेतिया, दिशा कन्नन, वैशाली सैनी और श्रेसा सिंह द्वारा एक समूह नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया गया. इस नृत्य में भाव-भंगिमाओं की मनमोहक और काव्यात्मक अभिव्यक्ति का समावेश देखने को मिला. देविका द्वारा अगली एकल प्रस्तुति थी 'दशावतार' जो महान ओड़िआ कवि जयदेव द्वारा लिखित 'गीतागोविंदम' का एक अंश है. इस कविता में भगवान विष्णु के दस अवतार जैसे कि मीन (मछली), कच्छप (कछुआ), शुक्र (जंगली सूअर), नरहरि (आधा आदमी आधा शेर), वामन (बौना), भृगुपति (योद्धा), रघुपति (महान राजा राम), हलधर (खेती करने वाला), बुद्ध (अहिंसा और शांति का उपदेशक) और कल्कि (विध्वंसक) जो अभी आने वाला है, को दर्शाया गया . देविका सहित सभी नर्तकियों ने कार्यक्रम का समापन 'मोक्ष' की प्रस्तुति के साथ किया. मोक्ष अर्थात् आध्यात्मिक मुक्ति. 'ओम' की ब्रह्मांडीय ध्वनि के साथ, नृत्य शून्य में विलीन हो गया - ठीक वैसे ही जैसे मोक्ष या वास्तविक जीवन में आत्मा का उद्धार होता है. मंच पर नृत्य संगीत में गायक श्री प्रशांत बहेरा, मर्दला पर श्री प्रफुल्ल मंगराज, वायलिन पर श्री गोपीनाथ स्वाइन और बांसुरी पर श्री निखिल बहेरा की प्रस्तुति ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग प्रदान किया. नृत्य संध्या में सम्मिलित होने वाले अतिथिगण ने देविका की ऊर्जा, मनमोहक भाव-भंगिमाओं एवं अभिनय की भूरि भूरि प्रशंसा की और एक कुशल ओड़िशी नर्तकी के रूप में उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए उन्हें शुभकामनाएं दीं. साथ ही कार्यक्रम को इतना सुंदर बनाने के लिए प्रतिभावान संगीतकारों की भूमिका की भी सराहना की. पद्मश्री और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार विजेता, प्रख्यात कथक नृत्यांगना विदुषी नलिनी अस्थाना ने गुरु-शिष्य परंपरा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए देविका सेठ को उनके भविष्य के प्रयासों के लिए आशीर्वाद प्रदान किया . ए.एल.पी.ए.एन.ए. (अल्पना) के लिए यह बहुत ही गौरव और सम्मान की बात है कि भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर), विदेश मंत्रालय, भारत सरकार ने 11 अगस्त से 26 अगस्त 2024 तक वियतनाम में स्वतंत्रता दिवस समारोह एवं भारत-वियतनाम मैत्री के 52 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर सांस्कृतिक उत्सव प्रदर्शन के लिए गुरु श्रीमती अल्पना नायक के नेतृत्व में ए.एल.पी.ए.एन.ए. के 8 सदस्यीय ओड़िशी नृत्य दल को भेजा. यह एक बहुत ही सफल दौरा था. इस समूह में भूमि प्रणाम के कलाकार, एवं पीहू श्रीवास्तव और यास्तिका धवन सभी सम्मिलित थे. इन सभी कलाकारों ने प्रतिष्ठित हनोई ओपेरा हाउस सहित वियतनाम के 7 विभिन्न प्रांतों में 7 कार्यक्रमों में नृत्य प्रदर्शन किया. ए.एल.पी.ए.एन.ए. समूह ने वियतनाम के संस्कृति, खेल और पर्यटन मंत्रालय द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय नृत्य महोत्सव में भारत का प्रतिनिधित्व किया और रजत पदक जीतकर भारत का नाम ऊंचा किया. पद्मश्री विदुषी नलिनी अस्थाना ने भूमि प्रणाम समारोह में वियतनाम मंडली के सभी कलाकारों को उनकी इस उपलब्धि के लिए सम्मानित किया. |
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