साहित्य अकादेमी का भाषा सम्मान अर्पण समारोह सम्पन्न
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Aug 30, 2024, 19:32 pm IST
Keywords: Sahitya Akademi Bhasha Samman 2021 & 2023 Presentation Ceremony साहित्य अकादेमी का भाषा सम्मान अर्पण समारोह सम्पन्न
नई दिल्ली: साहित्य अकादेमी द्वारा वर्ष 2021 और 2023 के भाषा-सम्मान प्रदान किए गए। भाषा-सम्मान अर्पण समारोह की अध्यक्षता साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष माधव कौशिक ने की। अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में उन्होंने कहा कि यह सम्मान हमारी ऋषि परंपरा का सम्मान है, जो एक तरह से भारतीय ज्ञान परंपरा का भी सम्मान है। हम इसे भारतीय ज्ञान का उत्सव कह सकते हैं। आगे उन्होंने कहा कि कालजयी और मध्यकालीन साहित्य को आम लोगों तक उनकी भाषा में पहुँचाने का बेहद महत्त्वपूर्ण कार्य इन भाषा विद्वानों ने किया है। अतः इनको पुरस्कृत कर साहित्य अकादेमी भी अपने को सम्मानित होता हुआ महसूस कर रही है।
इससे पहले अपने स्वागत वक्तव्य में साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने कहा कि भारत का सारा ज्ञान मानव की भलाई के लिए है और वह समाज के हर वर्ग के लिए उपलब्ध है। हमारे ज्ञान का स्वरूप वैश्विक है। अतः किसी भी भाषा का लुप्त होना एक समाज की संस्कृति का लुप्त होना है। अकादेमी इन वाचिक भाषाओं के संरक्षण के लिए लगातार प्रयासरत है.
पुरस्कृत रचनाकारों में कालजयी एवं मध्यकालीन साहित्य-2021- उत्तरी क्षेत्र के लिए पुरुषोत्तम अग्रवाल एवं दक्षिणी क्षेत्र के लिए बेतवोलु रामब्रह्मम, अवतार सिंह को कालजयी एवं मध्यकालीन साहित्य के क्षेत्र में वर्ष 2023 का एवं के.जि. पौलोस् को दक्षिणी क्षेत्र के लिए प्रदान किए गए। दुर्गा चरण शुक्ल को बुंदेली भाषा तथा साहित्य की समृद्धि में दिए गए उत्कृष्ट योगदान हेतु भाषा सम्मान वर्ष 2023 के लिए तथा रेंथ्लेइ ललरोना एवं रौज़ामा चौङथू को मिज़ो भाषा तथा साहित्य की समृद्धि के लिए दिए गए। दुर्गा चरण शुक्ल अस्वस्थता के कारण पुरस्कार ग्रहण करने नहीं आ सके.
पुरस्कार स्वरूप अलंकृत विद्वानों को 1,00,000/- की राशि, उत्कीर्ण ताम्रफलक और प्रशस्ति पत्र साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष माधव कौशिक द्वारा प्रदान किए गए। पुरस्कार ग्रहण करने के बाद सभी पुरस्कृत भाषा विशेषज्ञों ने अपने स्वीकृति वक्तव्य प्रस्तुत किए, जिनमें उनकी अभी तक की सृजनात्मक यात्रा के अनुभव शामिल थे.
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