ऑटोमेटिक राइफल से करते हैं गोलियों की बौछार
जनता जनार्दन संवाददाता ,
May 29, 2024, 18:24 pm IST
Keywords: Robot Dogs In China जंग के मैदान रोबोट डॉग China Robot Dogs
जंग के मैदान में अगर एक तरफ इंसान हों और दूसरी तरफ रोबोट तो कौन जीतेगा? आज से 30-40 साल पहले यह सवाल पूछा जाता तो लोग शायद हंस देते. लेकिन 21वीं सदी में यह कपोल-कल्पना हकीकत बन सकती है. पिछले दिनों, कम्बोडिया के साथ युद्धाभ्यास के दौरान चीन की सेना एक रोबोट डॉग के साथ आई थी. इस चौपाये रोबोट की पीठ पर एक ऑटोमेटिक राइफल फिट थी. इस रोबोट को एक कंट्रोलर की मदद से ऑपरेट किया जा रहा था.
चीन के सरकारी टीवी (CCTV) ने दो मिनट का एक वीडियो जारी किया है. वीडियो में रोबोट डॉग को चलते, कूदते, लेटे हुए और पीछे चलते दिखाया गया है. एक मौके पर तो यह रोबोट एक सिमुलेटेड बिल्डिंग में इन्फेंट्री यूनिट का नेतृत्व करते हुए आगे बढ़ा. वीडियो में छह रोटर वाले एक हवाई ड्रोन को भी दिखाया गया जिसके ऑटोमेटिक राइफल लगी थी. रोबोट डॉग्स और ड्रोन्स का सैन्य इस्तेमाल कोई नई बात नहीं. चीन इस दिशा में कहीं आगे बताया जाता है. पिछले साल भी, CCTV के एक वीडियो में राइफलों से लैस ऐसे इलेक्ट्रॉनिक डॉग्स का प्रदर्शन किया गया था. करीब चार साल पहले, अमेरिकी एयरफोर्स भी रोबोट डॉग्स के जरिए खतरा भांपकर उनसे निपटने की तकनीक का प्रदर्शन कर चुकी है. कुछ साल पहले तक, ड्रोन्स का इस्तेमाल सर्विलांस के लिए ज्यादा होता था, डायरेक्ट अटैक के लिए कम. हालांकि, 2022 में रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से सब कुछ बदल गया. रूस-यूक्रेन युद्ध में बड़े पैमाने पर ड्रोन्स का इस्तेमाल दुश्मन को मार गिराने में किया जा रहा है. इन सस्ते मगर बेहद कारगर हथियारों की मदद से टैंक और युद्धपोत जैसी भीमकाय मशीनों को नेस्तनाबूद किया जा सकता है. ड्रोन्स बनाकर दूसरे देशों को बेचने में चीन सबसे आगे है. हालांकि, पिछले साल चीन ने 'राष्ट्रहित और सुरक्षा' का हवाला देते हुए ड्रोन्स के निर्यात पर पाबंदियां लगा दी थी. |
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