साहित्य अकादेमी ने सुरजीत पातर के निधन पर शोक व्यक्त किया
जनता जनार्दन संवाददाता ,
May 11, 2024, 17:59 pm IST
Keywords: Sahitya Akadami tribute to Surjit Patar with condolence message साहित्य अकादेमी
नई दिल्ली: पंजाबी के प्रख्यात कवि, गद्यकार, अनुवादक और शिक्षाविद् सुरजीत पातर के निधन पर साहित्य अकादेमी ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उनका निधन 11 मई 2024 को हो गया था । साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव द्वारा जारी शोक संदेश में कहा गया है कि अपने 79 वर्ष के जीवनकाल में उन्होंने अपने लेखन के माध्यम से पंजाबी भाषा और साहित्य को देश-विदेश में प्रतिष्ठा दिलाई। उनका पहला काव्य-संग्रह 'कोलाज' था और पहला गजल संग्रह 1978 में 'हवा विच लिखे हरफ' के नाम से प्रकाशित हुआ। उनकी कविता और गद्य की 10 से अधिक किताबें प्रकाशित हुई हैं। उन्होंने आठ विश्व प्रसिद्ध काव्य-नाटकों का पंजाबी में रूपांतरण किया। उन्होंने दूरदर्शन पर 'सूरज दा सनमाना के तहत कविता के इतिहास पर काव्य-धारावाहिक के 30 एपिसोड किए थे। इसके लिए उन्होंने खोज, आलेख और पेशकारी भी की थी। वे पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, लुधियाना में पंजाबी के प्रोफेसर रह चुके थे.
पद्मश्री से सम्मानित सुरजीत पातर पंजाबी साहित अकादमी, लुधियाना और पंजाब आर्ट्स काउंसिल, चंडीगढ़ के अध्यक्ष थे। अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कारों और सम्मानों से अलंकृत सुरजीत पातर को 'हनेरे विच सुलगदी वर्णमाला' कविता-संग्रह के लिए वर्ष 1993 में साहित्य अकादेमी पुरस्कार से नवाज़ा गया था.
सुरजीत पातर के निधन से साहित्य जगत् शोक संतप्त है और उनके जाने से पंजाबी ही नहीं बल्कि संपूर्ण भारतीय साहित्य की अपूरणीय क्षति हुई है। साहित्य अकादेमी परिवार दिवंगत आत्मा के प्रति अपनी विनम्र श्रद्धांजलि निवेदित करता है. |
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