धरती के कलेजे का टुकड़ा अलग होने से बना यह महाद्वीप!
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Apr 02, 2024, 15:04 pm IST
Keywords: ग्रीनलैंड फिनलैंड क्रस्ट कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी Earth's Crust Study:
वैज्ञानिकों ने नदियों के क्रिस्टल्स पर स्टडी करते हुए गजब खोज कर डाली है. नई स्टडी के मुताबिक, एक प्राचीन महाद्वीप के बनने में पृथ्वी के क्रस्ट का एक हिस्सा भी शामिल था. क्रस्ट के काफी भीतर जिरकॉन नाम के खनिज के क्रिस्टल बनते हैं. इन्हीं की मदद से वैज्ञानिकों ने यूरोप के सबसे पुराने बेडरॉक के बनने की गुत्थी सुलझाने का दावा किया है. वैज्ञानिकों ने यूरेनियम-लेड, ल्यूटीरियम-हाफनियम और ऑक्सीजन की मदद से क्रिस्टल्स की उम्र का पता लगाया. फिर उनके सिग्नेचर को अन्य प्राचीन क्रस्ट से मैच कराया गया. एनालिसिस से पता चला कि वैज्ञानिकों ने जितना सोचा था, क्रस्ट का यह हिस्सा उससे कम से कम 250 मिलियन साल और पुराना है. उनके मुताबिक, इसकी उत्पत्ति ग्रीनलैंड में हुई होगी. कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी में चली स्टडी से हमें आर्कियन क्रेटन के बनने और बढ़ने के बारे में काफी कुछ पता चला है. आर्कियन क्रेटन महाद्वीपीय क्रस्ट के सबसे पुराने हिस्से हैं. इनका निर्माण प्रीकैम्ब्रियन आर्कियन युग (4 अरब से 2.5 अरब साल पहले) के दौरान हुआ था. तब धरती पर पहली बार जीवन पनपा था. रिसर्चर्स ने पिछले साल दिसंबर में अपनी फाइंड्रिग्स 'जियोलॉजी' जर्नल में पब्लिश की थीं. स्टडी के मुताबिक, पिछली रिसर्च में फिनलैंड के पुडासजर्वी और सुओमुजर्वी क्षेत्रों में शुरुआती आर्कियन क्रस्ट के सबूत मिले थे. कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी की टीम ने इन्हीं इलाकों में नदी की रेत से जिरकॉन क्रिस्टल हासिल किए. उन्होंने पाया कि क्रिस्टल्स में वैसा ही आइसोटोप रिकॉर्ड था जो वेस्ट ग्रीनलैंड के उत्तरी अटलांटिक क्रेटन में मौजूद चट्टानों में पाया गया है. इससे यह पता चलता है कि फिनलैंड के क्रस्ट का कुछ हिस्सा ग्रीनलैंड में बना था. वैज्ञानिकों के मुताबिक, फिनलैंड से मिले जिरकॉन क्रिस्टल के सिग्नेचर बताते हैं कि वे स्कैंडिनेविया में मिली किसी भी चीज से कहीं ज्यादा पुराने हैं. उनकी उम्र ग्रीनलैंड के चट्टानी सैंपलों के बराबर पाई गई. ये सभी देश क्रस्ट के फेनोस्कैंडियन शील्ड या बाल्टिक शील्ड नाम के हिस्से पर मौजूद हैं. रिसर्चर्स को लगता है कि यह क्रस्ट ग्रीनलैंड से टूटकर अलग हुई और हजारों करोड़ साल तक आगे बढ़ती रही, आज यह फिनलैंड के नीचे है. धीरे-धीरे इसने जियोलॉजिकल मैटेरियल जमा किया और स्कैंडिनेविया बना. टीम ने फेनोस्कैंडियन इलाके को दिखाने के लिए 'स्कैंडिनेविया' टर्म का यूज किया है. जब यह अलगाव हो रहा था, पृथ्वी शायद पूरी तरह पानी में डूबी रही होगी. |
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