जानिए करणी सेना की पूरी कहानी
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Dec 05, 2023, 18:18 pm IST
Keywords: Shri Rashtriya Rajput Karni Sena राजस्थान विधानसभा चुनाव ष्ट्रीय राजपूत करणी सेना Sukhdev Singh Gogamedi सुखदेव सिंह गोगामेड़ी
श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की सरेआम गोली मार कर हत्या की खबर से जयपुर की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. गोगामेड़ी की हत्या की जिम्मेदारी बीकानेर के रहने वाले रोहित गोदारा ने ली है. गोदारा गोंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गैंग का मेंबर है और फिलहाल कनाडा में छिपा हुआ है. राजस्थान विधानसभा चुनाव के नतीजे के क दिन बाद ही सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की गोली मार कर हत्या के बाद श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना संगठन सुर्खियों में आ गया है. आइए, जानते हैं कि आखिर करणी सेना क्या है. ये कैसे काम करती है और इसका मकसद क्या है? क्यों कई बार इसमें दो फाड़ हुआ और किन मुद्दों पर इनमें एकता होती रहती है.
पद्मावत' फिल्म का उग्र विरोध करने, दीपिका पादुकोण की नाक काटने जैसी धमकियां और संजय लीला भंसाली को थप्पड़ मारे जाने के बाद साल 2017 में करणी सेना अचानक देश भर में चर्चा में आ गई थी. इससे पहले करणी सेना के बारे में गूगल तक पर ज्यादा जानकारी नहीं थी. पद्मावत रिलीज होने के बाद देश के कई हिस्से में और खासकर राजस्थान में इसका व्यापक असर सामने आया था. करणी सेना भले ही कोई राजनीतिक संगठन नहीं होने का दावा करता हो, लेकिन राजस्थान में तमाम राजनीतिक दल इसके पीछे दिखते ही रहते हैं. जानकारी के मुताबिक राजस्थान के राजपूत बहुल जिले में करणी सेना ने बहुत तेजी से अपने कदम जमाए हैं. राजपूत समाज के जानकारों के मुताबिक, देश के अन्य राज्यों और राजस्थान के प्रमुख शहरों में राजपूत सभा लंबे समय से काम करती आ रही है. वहीं कई दशकों से युवकों के बीच क्षत्रिय युवक संघ भी संगठित होकर काम कर रहा है. इसके बावजूद करणी सेना ने क्षत्रिय युवकों के बीच संगठन का काम शुरू किया. साल 2006 में लोकेंद्र सिंह कालवी ने करणी सेना की स्थापना की और संगठन का नाम करणी माता के नाम पर रखा. करणी माता के अनुयायी उन्हें देवी हिंगलाज का रूप मानते हैं. करनी सेना के समर्थकों का मानना है कि वह संस्कृति की रक्षा के लिए बना संगठन है. संगठन के संस्थापक लोकेंद्र कालवी का मार्च 2023 में निधन हो गया था. पद्मावत के विरोध और राजस्थान पुलिस से मुठभेड़ में कुख्यात गैगस्टर आनंदपाल सिंह के मारे जाने पर सवाल जैसे मुद्दों को लेकर संगठन की बात देश के दूसरे हिस्से में पहुंची और उसका विस्तार हुआ. |
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