पितृ पक्ष में नई चीजें खरीदने की क्यों की जाती है मनाही?
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Aug 29, 2023, 10:22 am IST
Keywords: Shradh 2023 in Hindi पितृ पक्ष श्राद्ध Pitru Paksha Rules in Hindi
हिंदू धर्म में श्राद्ध या पितृ पक्ष के 15 दिन के समय को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म किए जाते हैं. इस साल पितृ पक्ष 29 सितंबर 2023 से शुरू हो रहे हैं और 14 अक्टूबर 2023 को समाप्त होंगे. पितृ पक्ष के इन 15 दिनों के लिए धर्म-शास्त्रों में कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करने के लिए कहा जाता है. ताकि पितरों की आत्मा को शांति मिले, वे प्रसन्न होकर आशीर्वाद दें. पूर्वजों के आशीर्वाद से जीवन में सुख-समृद्धि आती है.
पितृ पक्ष के 15 दिनों को लेकर कई नियम बताए गए हैं. इन नियमों का मकसद ये है कि यह समय पितरों के सम्मान में बिताए जाएं. माना जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान पितरों की आत्माएं मृत्यु लोक में विचरण करती हैं. इस कारण इस समय पितरों को प्रसन्न करने वाले काम करने चाहिए. जैसे- श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान, दान-पुण्य आदि. वहीं कुछ कामों से बचना भी चाहिए. मान्यता है कि पितृ पक्ष में नई चीजें जैसे-कपड़ा, सोना, गाड़ी, घर आदि नहीं खरीदने चाहिए. साथ ही पितृ पक्ष में नए काम करने की मनाही भी की जाती हैं. इसके पीछे कुछ वजहें बताई जाती हैं. दरअसल, पितृ पक्ष का समय पितरों के प्रति सम्मान व्यक्त करने और उन्हें याद करने का होता है. यदि व्यक्ति इस दौरान शॉपिंग, नए काम करने, जश्न मनाने में समय बिताए तो इसे उचित नहीं माना जाता है क्योंकि यह समय शोक प्रकट करने का होता है. ऐसे में नए सामान खरीदने, नए काम शुरू करके उस पर ध्यान देने से पितरों को अपमान होता है. जबकि इस समय में पितरों को ही याद करना चाहिए. हालांकि पूजा-पाठ या दान-पुण्य करने के लिए नई चीजें खरीदी जा सकती हैं. |
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