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मई आ गई लेकिन गर्मी नहीं आई! प्रकृति क्या दे रही संकेत?

मई आ गई लेकिन गर्मी नहीं आई! प्रकृति क्या दे रही संकेत? दुनिया भर में प्रकृति अपना रूप बदल रही है. मौसम इस तरह करवट लेगा, इसकी घोषणा पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले कई वैज्ञानिकों ने बहुत पहले से की थी, लेकिन वह इतनी तेजी से बदलेगा, इसकी उम्मीद किसी को नहीं थी.

अप्रैल का महीना खत्म होने में सिर्फ एक दिन शेष है. हर बार अप्रैल के महीने से ही गर्मी लोगों को झुलसाने लगती थी. धूप और गर्मी से बचने के लिए लोग तमाम उपाय करने लगते थे. लेकिन इस साल गर्मी से अब तक राहत है.

गर्मी ने अपना प्रचंड रूप अभी तक नहीं दिखाया है. देश में ज्यादातर इलाकों में गर्मी ज्यादा नहीं पड़ रही. गर्मी से राहत को लेकर भारत मौसम विज्ञान विभाग ने विस्तार से बताया है.
मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि मौजूदा वक्त में कई मौसम सिस्टम यानी एंटी-साइक्लोन, गर्त और पश्चिमी विक्षोभ देखने को मिले हैं.

यही कारण है कि मौसम की चाल हर बार से अब तक जुदा दिख रही है. दिल्‍ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र समेत उत्तर भारत में कुछ दिन पहले तक गर्मी का असर देखने को मिला था. लेकिन आंधी और बारिश ने एक बार फिर मौसम में ठंडक ला दी. जिसके कारण ज्यादातर क्षेत्रों में सामान्य से कम तापमान देखने को मिल रहा है.

मौजूदा मौसम पर एंटी-साइक्लोन, गर्त या सर्कुलेशन और वेस्टर्न डिस्‍टरबेंस का असर देखने को मिल रहा है. जिसके चलते देश के ज्यादातर हिस्सों में मौसम सुहाना बना हुआ है. मौसम का ये हाल आगे आने वाले कुछ दिनों तक ऐसा ही बना रहेगा. मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक आने वाले दो से तीन दिन तक गर्मी से राहत रहेगी. दो-तीन दिन बाद कई जगहों पर आंधी आ सकती है.

मौसम विभाग ने हाल ही में बताया था कि उत्तर-पूर्वी राजस्थान और आसपास के क्षेत्र में वेस्टर्न डिस्टरबेंस बना हुआ है. सेंट्रल मध्यप्रदेश में चक्रवाती सर्कुलेशन छाया हुआ है. ऐसी ही स्थिति दक्षिणी तमिलनाडु में भी बनी हुई है. मौसम विज्ञान विभाग ने बताया था कि अप्रैल में पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में नया पश्चिमी विक्षोभ देखने को मिलेगा.

यही कारण है कि देश के अधिकांश क्षेत्र में अधिकतम तापमान सामान्य से कम दर्ज किया जा रहा है. मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक आने वाले दो से तीन दिनों में देश के अधिकांश इलाकों में आंधी-तूफान देखने को मिलेगा. ऐसी स्थिति मई के पहले हफ्ते तक देखी जा सकती है.

जाहिर है कि दुनिया की तेजी से बदलती प्रकृति मनुष्य को इस बात की चेतावनी दे रही है कि वह प्रकृति और पर्यावरण की सुरक्षा में तेजी से ध्यान दे. अगर आप धरती को रहने योग्य रखना चाहते हैं तो आपको प्रकृति के साथ कदमताल करना होगा.

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