Friday, 15 November 2024  |   जनता जनार्दन को बुकमार्क बनाएं
आपका स्वागत [लॉग इन ] / [पंजीकरण]   
 

शिंदे गुट के विधायकों के लिए खुलेंगे ठाकरे के दरवाजे?

जनता जनार्दन संवाददाता , Apr 25, 2023, 12:04 pm IST
Keywords: Maharashtra Politics   Maharashtra Political Crisis   MLA   उद्धव ठाकरे   राजनीति   अजित पवार   घरवापसी  
फ़ॉन्ट साइज :
शिंदे गुट के विधायकों के लिए खुलेंगे ठाकरे के दरवाजे?

अजित पवार को लेकर महाराष्ट्र में मची सियासी उथल-पुथल के बीच कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं. कहा ये भी जा रहा है कि वर्तमान में शिंदे गुट के कई विधायक घर वापसी करना चाहते हैं और वो उद्धव ठाकरे वाले गुट में शामिल होना चाहते हैं. दरअसल, अजित पवार और उन्हें समर्थन देने वाले कुछ विधायकों के बीजेपी से हाथ मिलाए जाने की चर्चा है. कयास लगाए जा रहे हैं कि बहुत जल्द एनसीपी नेता और महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार अपने कुछ विधायकों के साथ भारतीय जनता पार्टी से हाथ मिला सकते हैं. इस बात से शिंदे गुट के कुछ विधायक परेशान हो गए हैं.

हाल ही में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी कहा था कि अजित पवार बीजेपी के साथ आते हैं या नहीं ये तो बीजेपी को तय करना है लेकिन अगर ऐसा होता है तो शिंदे गुट कभी भी अजित पवार के साथ गठबंधन में नहीं जाएगा. अब अजित पवार के बीजेपी में शामिल होने की चर्चा तेज होने की वजह से शिंदे गुट के कुछ विधायक अब रास्ता खोजने लगे हैं. बताया जा रहा है कि इसी कड़ी में वो घरवापसी कर सकते हैं और वापस बालासाहब ठाकरे शिवसेना वाले गुट में शामिल हो सकते हैं.

अब सवाल उठता है कि क्या उद्धव ठाकरे धोखेबाज विधायकों को वापस अपने साथ लाएंगे और ऐसा करेंगे तो उसके पीछे क्या वजह रहेगी? हलांकि, इन सवालों पर ठाकरे गुट की नेता नीलम गोरहे ने कहा कि राजनीति में कोई किसी का न तो परमानेंट दुश्मन होता है और न दोस्त होता है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में दोनों गुटों में काफी दरारें हैं. हालात ऐसे हैं कि दोनों गुट के नेता एक दूसरे को देखना तक पसंद नहीं करते ऐसे में यह कह पाना कि विधायकों की वापसी ठाकरे स्वीकार करेंगे या नहीं, ये तो वही बताएंगे.

उन्होंने कहा कि शिंदे गुट के विधायकों की पार्टी में दोबारा वापसी को लेकर कभी उद्धव ठाकरे के साथ कोई बातचीत नहीं हुई. ऐसे में सब कुछ आगे के हालात और उन बातों पर निर्भर करेगा कि आने वाले विधायक किस आधार पर वापसी कर रहे हैं. गोरहे ने कहा कि विधायकों को ये तय करना होगा कि वो किस वजह से पार्टी में आना चाह रहे हैं. क्या उनमें ईडी-सीबीआई का डर खत्म हो गया है. अगर नहीं तो वो कब दूर होगा? ऐसे में इस मुद्दे के अंजाम पर जाने के लिए अभी और इंतजार करना होगा.

वोट दें

क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं?

हां
नहीं
बताना मुश्किल