नेहरू-गांधी परिवार के तीसरे सदस्य हैं राहुल जिन्हें गंवानी पड़ी अपनी संसद सदस्यता
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Mar 27, 2023, 21:44 pm IST
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राहुल नेहरू-गांधी परिवार के तीसरे सदस्य हैं, जिनको अपनी संसद सदस्यता गंवानी पड़ी है. इसके पहले उनकी दादी इंदिरा गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी को भी अपनी लोकसभा सदस्यता गंवानी पड़ी थी. वर्ष 2004 में सोनिया गांधी यूपी की रायबरेली सीट से लोकसभा सांसद चुनी गई थीं. वह सरकार में किसी पद पर नहीं थीं. लेकिन उस वक्त उन्हे राष्ट्रीय सलाहकार परिषद का चेयरमैन बनाया गया था. सोनिया ने दिया लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा हम आपको राहुल गांधी की दादी इंदिरा गांधी से जुड़ी एक पुरानी घटना के बारे में भी बताएंगे. इस घटना के बाद जो स्थितियां पैदा हुईं, वो आज भी भारत के इतिहास में काले धब्बे की तरह याद की जाती हैं. इंदिरा के खिलाफ राजनारायण पहुंचे कोर्ट इस मामले की सुनवाई के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस जगमोहन लाल सिन्हा इस नतीजे पर पहुंचे कि इंदिरा गांधी ने वाकई चुनाव जीतने के लिए अनैतिक तरीकों का इस्तेमाल किया था. इसके बाद 12 जून 1975 को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए उन्होंने इंदिरा गांधी का चुनाव रद्द कर दिया. और अगले 6 वर्षों तक उनके चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दी. ठीक इसी दिन यानी 12 जून को ही गुजरात विधानसभा में भी कांग्रेस की करारी हार हुई. इंदिरा गांधी ने की आपातकाल की घोषणा इंदिरा गांधी ने उस रात आकाशवाणी में देश के नाम अपने संबोधन में कहा था, 'भाइयो और बहनो, राष्ट्रपति जी ने आपातकाल की घोषणा की है. लेकिन आपको इससे भयभीत होने की कोई ज़रूरत नहीं है.’ एमरजेंसी के दौरान जनता के सभी मौलिक अधिकारों को स्थगित कर दिया गया था और सरकार विरोधी भाषणों और किसी भी प्रकार के प्रदर्शन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया था. जय प्रकाश समेत विपक्ष के ज्यादातर नेताओं को मीसा कानून के तहत जेलों में बंद कर दिया गया. संविधान में कई संशोधन कर दिए गए, जिनके अनुसार- -लोकसभा-विधानसभा के लिए चुनाव की जरूरत नहीं थी. -मीडिया और अख़बारों की आज़ादी ख़त्म हो गई और प्रेस पर सेंसरशिप लागू कर दी गई. -यही नहीं सरकार के पास किसी भी कानून को पास करने की असीमित शक्ति मिल गई. आपातकाल का ये दौरा 19 महीने तक चला. आखिरकार वर्ष 1977 में इंदिरा गांधी ने दोबारा लोकसभा चुनाव कराने का ऐलान किया. लेकिन इन चुनावों में कांग्रेस की जबरदस्त हार हुई और इंदिरा गांधी रायबरेली से, जबकि संजय गांधी अमेठी से अपना चुनाव भी हार गए थे और मोरार जी देसाई की अगुवाई में जनता पार्टी के रूप में पहली बार गैर कांग्रेसी सरकार बनी. |
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