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इंडियन आर्मी के शौर्य की गाथाएं,आवाज सुनते ही दुश्मनों के छूट जाते हैं पसीने
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Jan 19, 2023, 22:15 pm IST
Keywords: Indian Army Weapons इंडियन आर्मी भारतीय टैंक्स अर्जुन टैंक T90 टैंक
![]() भारतीय सेना में शामिल टैंक्स की बात की जाए तो अर्जुन टैंक का नाम सबसे ऊपर आता है. इस टैंक को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन ने इजाद किया है. इसके साथ ही कॉम्बैट व्हीकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट नेवी में अपना पूरा योगदान दिया है. समतल जमीन पर यह टैंक 70 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से चलता है. वही उबड़-खाबड़ जमीन पर यह 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पकड़ता है. 1 मिनट में 6 से 8 राउंड फायर करने में सक्षम है. भारत ने साल 2010 में रूस के साथ 310 T90 टैंक के लिए एक समझौता किया था जिनमें से 124 टैंक भारत को रूस से मिले थे और बाकी बचे टैंक्स को भारत में ही बनाया गया था जिन टैंक्स को भारत में बनाया गया उसे भीष्म नाम दिया गया था. आज भारतीय सेना में शामिल 2000 से ज्यादा T90 टैंक्स सीमाओं की सुरक्षा कर रहे हैं. भारत के पास 125 मिलीमीटर स्मूथबोर गन से लैस T-72 टैंक भी मौजूद है जो 60 किलोमीटर से लेकर 70 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से चलते हैं. इस टैंक की खासियत है कि यह कम गहरी नदियों को भी पार कर जाते हैं. इसके अलावा इसे दोबारा स्टार्ट करने के लिए बस 6 से 7 सेकंड का समय लगता है. भारतीय सेना में इन टैंक्स की संख्या करीब 2400 के आसपास है. आपको बता दें कि हाल ही में अर्जुन टैंक का एक एडवांस वर्जन भारतीय सेना में शामिल हुआ है जिसे अर्जुन एनबीटी MK1A के नाम से जाना जाता है. इस टैंक को डीआरडीओ द्वारा इजाद किया गया है. डीआरडीओ की मानें तो 118 टैंक को बनाने में 8500 करोड़ रुपए का खर्च आया है. लाइटवेट टैंक की बात करें तो भारत फिलहाल इसमें थोड़ा पीछे है. चीन के पास इस तरह के कई टैंक मौजूद हैं. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो लाइटवेट टैंक को भारत सरकार जल्दी सेना में शामिल कर सकती हैं. |
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