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अब दुश्मन का बचना होगा नामुमकिन
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Sep 09, 2022, 11:29 am IST
Keywords: Quick Reaction Surface to Air Missile भारतीय सेना आईटीआर रेंच रक्षा अनुसंधान विकास संगठन DRDO
![]() रक्षा मंत्रालय ने कहा कि परीक्षण को दिन और रात दोनों परिस्थितियों में किया गया. परीक्षण के दौरान सभी मानकों को पूरा किया और मिसाइल के वॉरहेड चेन की भी जांच की गई.आईटीआर द्वारा तैनात टेलीमेट्री, रडार और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम (ईओटीएस) जैसे कई रेंज उपकरणों की भी जांच की ताकि यह पता चल सके कि ये सभी मिसाइल और दुश्मन के टारगेट को सही से ट्रैक कर रहे हैं या नहीं. सभी सिस्टम सही तरीके से काम कर रहे हैं. डीआरडीओ और भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने लॉन्च में हिस्सा लिया. जानकारी के मुताबिक इन मिसाइलों में स्वदेशी रेडियो फ्रिक्वेंसी सीकर (RAF) लगे हैं. इसके अलावा मोबाइल लॉन्चर, ऑटोमेटेड कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम, सर्विलांस और मल्टी-फंक्शन राडार भी है. QRSAM सिस्टम की विशेषता यह है कि यह अपने टारगेट का पीछा कर मारता है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मिसाइल के सफल परीक्षण पर डीआरडीओ और भारतीय सेना को बधाई दी है. उन्होंने विश्वास जताया कि QRSAM वेपन सिस्टम सशस्त्र बलों को एक महत्वपूर्ण ताकत देगी. इस मिसाइल की लंबाई 98 फीट है और यह 5758 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से दुश्मन को टारगेट करती है. एक बार टारगेट सेट होने के बाद दुश्मन का बच पाना नामुमकिन हो जाएगा क्योंकि यह मिसाइल पीछा करके उसे तबाह करने की क्षमता रखती है. यह मिसाइल किसी भी मौसम और किसी भी जगह से दागी जा सकती है साथ ही दुश्मन इसके कम्यूनिकेशन सिस्टम को किसी भी तरह रोक नहीं सकता. इसके अलावा इस मिसाइल में दुश्मन के राडार सिस्टम को चकमा देने की क्षमता है और यह उसे फेल भी कर सकती है. |
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