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कोई मेरे साथ चले या न चले, मैं अकेला चलने को तैयार: राहुल गांधी

जनता जनार्दन संवाददाता , Aug 22, 2022, 19:56 pm IST
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कोई मेरे साथ चले या न चले, मैं अकेला चलने को तैयार: राहुल गांधी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने पार्टी की प्रस्तावित ‘भारत जोड़ो’ यात्रा को लेकर सोमवार को सिविल सोसायटी के प्रमुख लोगों के साथ एक अहम बैठक की है. इस बैठक को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि उनके लिए यह यात्रा एक तपस्या की तरह है और भारत को एकजुट करने की लंबी लड़ाई के लिए वह तैयार हैं. राहुल गांधी के साथ यहां हुई बैठक में ‘स्वराज इंडिया’ के योगेंद्र यादव, योजना आयोग की पूर्व सदस्य सैयदा हमीद, ‘एकता परिषद’ के पीवी राजगोपाल, सफाई कर्मचारी आंदोलन के बेजवाड़ा विल्सन समेत कई सामाजिक और गैर सरकारी संगठनों के करीब 150 प्रतिनिधि शामिल हुए.


राहुल गांधी के साथ हुई इस बैठक में संगठनों ने एकजुट होकर कहा कि वे देश को जोड़ने के इस अभियान से जुड़ेंगे और आने वाले दिनों में इसके समर्थन में अपील भी जारी करेंगे. सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी ने इस यात्रा के मकसद का जिक्र करते हुए कहा कि इस यात्रा में मेरे साथ कोई चले न चले, मैं अकेला चलूंगा. राहुल गांधी ने सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों से कहा, ‘मैं जानता हूं कि यह देश को जोड़ने की लंबी लड़ाई है और मैं इस लड़ाई के लिए तैयार हूं.’

सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने बैठक में कहा, ‘भारत की राजनीति का ध्रुवीकरण हो गया है. हम अपनी यात्रा में लोगों को बताएंगे कि कैसे एक तरफ RSS की विचारधारा है और दूसरी तरफ हम लोगों की सबको साथ लेकर चलने की विचारधारा है. हम इस विश्वास को लेकर यात्रा शुरू कर रहे हैं कि भारत के लोग तोड़ने की नहीं, बल्कि जोड़ने की राजनीति चाहते हैं.’ इस बैठक के बाद योगेंद्र यादव ने कहा, ‘दिन भर की बातचीत के बाद यह राय बनी कि हम सर्वसम्मति से इस यात्रा का स्वागत करते हैं और अपने-अपने तरीके से इस यात्रा से जुड़ेंगे.

योगेंद्र यादव ने कहा कि आने वाले दिनों में हम अपील जारी करेंगे कि दूसरे जन संगठन भी इस यात्रा से जुड़ें. कांग्रेस की यह यात्रा सात सितंबर में तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू होगी, जो 3500 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए कश्मीर में खत्म होगी. यह यात्रा देश के 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों से होकर गुजरेगी और करीब 150 दिन बाद खत्म होगी. कांग्रेस का कहना है कि इस यात्रा में सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और समान विचारधारा के लोग शामिल हो सकते हैं. 

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