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राफेल उड़ाने वाली पहली महिला पायलट शिवांगी सिंह गणतंत्र दिवस परेड का हिस्‍सा बनीं

राफेल उड़ाने वाली पहली महिला पायलट शिवांगी सिंह गणतंत्र दिवस परेड का हिस्‍सा बनीं

नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस के मौके पर परेड में आज वायु सेना की झांकी निकाली गई जिसमें देश की पहली महिला राफेल लड़ाकू विमान पायलट शिवांगी सिंह ने भी हिस्सा लिया. शिवांगी वायु सेना की झांकी का हिस्सा बनने वाली दूसरी महिला लड़ाकू विमान पायलट हैं.

पिछले साल फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कंठ वायु सेना की झांकी का हिस्सा बनने वाली देश की पहली महिला लड़ाकू विमान पायलट थीं.

वाराणसी से ताल्लुक रखने वाली शिवांगी सिंह 2017 में वायु सेना में शामिल हुई थीं. वह महिला लड़ाकू विमान पायलटों के वायु सेना के दूसरे बैच का हिस्सा बनीं. राफेल उड़ाने से पहले वह मिग-21 बाइसन विमान उड़ाती रही हैं.

शिवांगी पंजाब के अंबाला स्थित वायु सेना के गोल्डन ऐरोज स्क्वाड्रन का हिस्सा हैं. वायु सेना की झांकी का शीर्षक 'भारतीय वायु सेना, भविष्य के लिए परिवर्तन' रहा. झांकी में मिग-21, जी-नेट, हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर और राफेल विमान के स्केल डाउन मॉडल के साथ-साथ अश्लेषा रडार भी प्रदर्शित किए गए.

राफेल लड़ाकू विमान का पहला बैच 29 जुलाई, 2020 में भारत पहुंचा था. फ्रांस से 36 लड़ाकू विमानों के सौदे के क्रम में देश में अब तक 32 राफेल विमान आ चुके हैं और चार राफेल विमान इस साल अप्रैल तक आ सकते हैं.

भारतीय सेना की 61 ‘कैवेलरी रेजीमेंट’ के घुड़सवार सैनिक का दल बुधवार को गणतंत्र दिवस परेड की पहली मार्चिंग टुकड़ी रहा. इस दल का नेतृत्व मेजर मृत्युंजय सिंह चौहान ने किया.

यह वर्तमान में दुनिया में सक्रिय एकमात्र घुड़सवार इकाई है. 61 ‘कैवेलरी रेजीमेंट’ का गठन 1953 में सभी राज्यों की अश्व इकाइयों को मिलाकर किया गया था. 

रेजीमेंट ने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान 1918 में हाइफ़ा की लड़ाई में तुर्कों का मुकाबला किया था. रेजीमेंट को कुल 39 युद्ध सम्मान हासिल है. इसका नारा ‘अश्व-शक्ति यशोबल’ है, जिसका अर्थ है ‘अश्व शक्ति सर्वोच्च है’.

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