कई लोग दीवाली की रात जुआ खेलते हैं लेकिन जुआ खेला क्यों जाता है?
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Nov 03, 2021, 18:26 pm IST
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नई दिल्ली: दीवाली यानी साल का सबसे बड़ा त्योहार, इस दिन को लोग काफी हर्षोल्लास से मनाते हैं. मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करके आशीर्वाद लेने के लिए यह दिन सबसे शुभ है. कहते हैं कि अगर इस दिन की पूजा से मां लक्ष्मी प्रसन्न हो जाती हैं तो घर में सुख-समृद्धि का वास होता है. इस साल 4 नवंबर 2021 दिन गुरुवार को पूरा देश बड़ी धूमधाम से दीवाली (Diwali 2021) मनाएगा. दीवाली की रात लोग धन प्राप्ति के लिए तमाम उपाय करते हैं. इस खास त्योहार को सदियों से हमारे पूर्वज मनाते आए हैं. समय के साथ-साथ लोगों ने नियमों में अपनी सुविधा के अनुसार कई बदलाव किए हैं. ऐसी ही एक परंपरा है दिवाली की रात जुआ खेलना. सवाल उठता है कि आखिर दीवाली के दिन जुआ खेलने की शुरुआत कैसे हुई. वैसे लोग जुआ तो खेलने लगते हैं लेकिन वे इस बात पर ध्यान नहीं देते कि इस दिन पैसे नहीं लगाने चाहिए, ऐसा करना आपको बर्बाद कर सकता है. आप अगर इतिहास और धर्म ग्रंथों को पढ़ेंगे तो समझेंगे कि जुए ने हर युग में सिर्फ विनाश ही किया है. महाभारत काल में भी पांडव इसी जुए में अपनी सारी धन दौलत, और अपनी पत्नी तक को हार बैठे थे. वहीं, ग्रहों के हिसाब से देखा जाए तो जुए का संबंध राहु से माना जाता है. यदि राहु अशुभ स्थान पर बैठा है तो ऐसे व्यक्तियों को जुए की लत लग जाती है और ऐसे लोग अपने जीवन में कमाया हुआ सब कुछ हार सकते हैं. |
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