अमेरिका ने काबुल में हुए धमाके का लिया बदला, इस्लामिक स्टेट के साजिशकर्ता को मारा
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Aug 28, 2021, 19:16 pm IST
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काबुलः अमेरिका ने काबुल हवाई अड्डे पर हुए हमले का बदला ले लिया है. कम से कम अमेरिकी दावा तो इसी बात का है. अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के एयरपोर्ट के एंट्री गेट पर शनिवार को फायरिंग की घटना सामने आई है. आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए हैं. इस घटना के बाद अफरातफरी का माहौल मच गया है. दो दिन पहले ही काबुल में सिलसिलेवार हुए बम धमाकों में 150 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी, जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए थे.
रॉयटर्स के अनुसार, एयरपोर्ट के एंट्री गेट पर ताबड़तोड़ गोलीबारी की गई है. हालांकि, अभी यह साफ नहीं हो सका है कि गोलियां किसने चलाई हैं. इसके अलावा, लोगों पर आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए. घटना के तुंरत बाद लोग एक जगह से दूसरी जगह भागते हुए नजर आए. अफरातफरी मचने की वजह से गाड़ियां बार-बार हॉर्न बजाती हुई भी दिखाई दी हैं. काबुल में हुए बम धमाकों के बाद भी विभिन्न देशों का रेस्क्यू अभियान जारी है. ब्रिटेन आज अपना अभियान खत्म करने वाला है. वहीं, अमेरिका ने बम धमाकों के कुछ घंटों के बाद ही आईएसआईएस-के के ठिकानों पर एयरस्ट्राइक करते हुए बदला ले लिया है. मानवरहित विमान से अफगानिस्तान के नांगरहार में आतंकी संगठन के ठिकानों पर बम गिराए गए. अमेरिका ने काबुल बम धमाकों के साजिशकर्ता को मार गिराने का भी दावा किया है. बम धमाकों में 169 अफगानिस्तान के नागरिकों की जान चली गई थी. इसके अलावा, अमेरिका के 13 सैनिकों की भी मौत हो गई थी. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बम धमाकों के बाद जल्द-से-जल्द आतंकी संगठन से बदला देने की घोषणा की थी, जिसके बाद एयरस्ट्राइक की गई. ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस समेत कई देशों ने अपने राजदूतों को वापस बुलाने का फैसला किया है. सीरियल ब्लास्ट के फौरन बाद फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा था कि उनके राजदूत काबुल से वापस आ जाएंगे और पेरिस से ही काम करेंगे. जबकि ऑस्ट्रेलिया ने भी एंबेसी को बंद करने की घोषणा की है. अपने स्टाफ और अन्य नागरिकों को देश वापस बुला रहा है. भारत, अमेरिका समेत कई अन्य देश पहले ही काबुल में स्थित एंबेसी से राजदूत समेत स्टाफ को वापस बुला लिया था. भारत के विदेश मंत्रालय ने बताया है कि अफगानिस्तान से ज्यादातर भारतीयों को देश वापस बुलाया जा चुका है. अफगानिस्तान में हालात पिछले कुछ दिनों में तेजी से बदले हैं. ज्यादातर अमेरिकी सैनिकों की वतन वापसी के बाद तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने की शुरुआत की थी. इसके बाद 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा जमाते ही हालात बिगड़ गए. विदेशी नागरिकों समेत अफगानिस्तान के भी काफी लोग देश छोड़कर जाना चाहते हैं, जिसकी वजह से काबुल एयरपोर्ट और उसके आसपास पिछले कुछ दिनों में काफी भीड़ इकट्ठा होने लगी. |
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