ऐसा देश है मेरा: डॉ महबूब हसन ने क्या खूब लिखा
Desk JJ ,
Apr 24, 2020, 12:00 pm IST
Keywords: Hindu Muslim Hindu Hindu India ऐसा देश है मेरा
ज़रा गौर से इन तस्वीरों को देखिए। इन तस्वीरों में हज़ारों बरस की मिली जुली आपसी तहज़ीब, संस्कृति, भाईचारा और प्रेम की एक लंबी दास्तान सिमट आई है। इसे गंगा जमुनी तहजीब भी कहते हैं। यहां की मिट्टी और कण कण में ये खुशबु रची बसी है। हिंदुस्तानी समाज का ताना बाना प्रेम और सौहार्द के धागों से ही तैयार हुआ है। हमने पूरी दुनियाँ को विश्व बंधुत्व और वसुधैव कुटुम्बकम का जैसा प्यारा संदेश दिया। होली, ईद, दशहरा, दीवाली और मोहर्रम जैसे त्योहार इस धागे को और मजबूत करते हैं।
अनेकता में एकता की ऐसी खूबसूरत मिसाल पूरी दुनिया में कहीं भी नज़र नहीं आती। यहां हज़ारों भाषाएं और बोलियों में देश की एकता और अखण्डता के सुरीले गीत बजते हैं। संतों, सन्यासियों और फकीरों ने अपने पैगाम के जरिए इंसानियत और धार्मिक सौहार्द के दीप जलाए। प्रकृति ने भी सुंदर पहाड़ियों, झीलों और कल कल करती नदियों से इस सरजमीं के हुस्न और सौन्दर्य को और निखार दिया है। हिमालय जैसा शानदार पहाड़ हमारी अज़मत के तराने गा रहा है। साहित्यकारों और कलाकारों ने अपनी रचनाओं के जरिए से यहां के रंग बिरंगे फल फूल, पहाड़, पेड़, झरने, जंगल, झील, मौसम वगैरह की हसीन तस्वीरें पेश की। यहां के किसानों और मज़दूरों ने पथरीली और बंजर ज़मीन पर हल चलाया और धरती का सीना चाक कर उस में दाने उगाए। हमारे वीर सपूतों और शहीदों ने इस मिट्टी को अपने खून से सींच कर इसे हरा भरा बनाया। आइए हम सभी मिल अपने इस अनोखे मुल्क की हिफाज़त करें। इस धरोहर को संभालन कर रखना हम सब की ज़िम्मेदारी है। अल्लामा इकबाल के लफ़्ज़ों में: सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा हम बुलबुलें हैं इस की ये गुलसिता हमारा #डॉ महबूब हसन, उर्दू विभाग, गोरखपुर यूनिवर्सिटी
|
क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं? |
|
हां
|
|
नहीं
|
|
बताना मुश्किल
|
|
|