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पत्रकार जमाल खशोगी की गुमशुदगी: संरा ने सऊदी अरब से निष्पक्ष जांच कराने को कहा

 पत्रकार जमाल खशोगी की गुमशुदगी: संरा ने सऊदी अरब से निष्पक्ष जांच कराने को कहा संयुक्त राष्ट्रः संयुक्त राष्ट्र के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि सऊदी अरब और तुर्की को पत्रकार जमाल खशोगी की गुमशुदगी के बारे में जो भी पता है उन्हें उसका खुलासा करना चाहिए। उन्होंने असंतुष्ट सऊदी पत्रकार के ठिकाने के बारे में ‘गहन एवं निष्पक्ष जांच’ की भी मांग की।

आशंका है कि खशोगी (60) की इस्तांबुल में सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में हत्या कर दी गयी है। इस घटना की अमेरिका और दुनियाभर में निंदा हुई । वह वैध स्थायी निवासी के तौर पर यहां रहते थे और ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ में काम करते थे।

खशोगी दो अक्टूबर को इस्तांबुल में सऊदी वाणिज्य दूतावास में दाखिल होने के बाद गायब हो गये थे। तुर्की अधिकारियों को संदेह है कि सऊदियों ने उन्हें अगवा कर मार डाला। लेकिन सऊदी अरब का कहना है कि संबंधित पत्रकार उस भवन से बाहर निकल आये थे और हत्या का दावा ‘आधारहीन’ है। खशोगी सऊदी शाह सलमान के आलोचक के रुप में जाने जाते थे।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बेचलेट ने मंगलवार को सऊदी और तुर्की की सरकारों से अपील की है कि उन्हें इन मशहूर पत्रकार की गुमशुदगी और संभावित न्यायेत्तर हत्या के बारे में जो कुछ भी मालूम है, वे उसका खुलासा करें।

उन्होंने दोनों देशों के प्रशासनों से यह भी सुनिश्चित करने की अपील की कि त्वरित, गहन, प्रभावी, निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की राह में कोई बाधा न आए।

उन्होंने इस सहमति का स्वागत किया, जिसमें जांचकर्ताओं को इंस्ताबुल में सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास और संभवत: महावाणिज्य दूत के आवास के अदंर जांच करने को अनुमति मिली। उन्होंने कहा कि त्वरित एवं पारदर्शी जांच के लिए अधिकारियों की राजनयिक छूट तत्काल हटायी जाए।

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने बुधवार को कहा कि सऊदी अरब ने वादा किया है कि पत्रकार जमाल खशोगी की गुमशुदगी की जांच में किसी को भी नहीं छोड़ा जाएगा।

यह पूछे जाने पर कि क्या सऊदी शाही परिवार के किसी सदस्य को इस मामले में जवाबदेह ठहराया जा सकता है, पोम्पियो ने रियाद में बातचीत के बाद कहा कि उन्होंने ऐसा कोई अपवाद नहीं रखा है, जिन्हें वे जवाबदेह नहीं ठहराएं।

पोम्पियो ने रियाद से तुर्की जाते वक्त एक विमान में यह बात कही। उन्होंने रियाद में शाह सलमान और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ खशोगी के मामले पर बात की।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खशोगी को लेकर जारी संकट की स्थिति का हल करने के लिए पोम्पियो को रियाद भेजा था।

गौरतलब है कि खशोगी को दो अक्टूबर को आखिरी बार उस वक्त देखा गया था, जब उन्होंने इस्तांबुल स्थित सऊदी वाणिज्य दूतावास में प्रवेश किया था। वह एक अमेरिकी नागरिक हैं। तुर्की में अधिकारियों ने कहा कि वाणिज्य दूतावास के अंदर खशोगी मारे गये हैं।

दिन भर की वार्ता के बाद पोम्पियो के एक बयान और ट्रंप के एक ट्वीट में कहा गया कि वाणिज्य दूतावास में जो कुछ भी हुआ, उस बारे में सऊदी नेतृत्व ने किसी तरह की जानकारी होने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब ने एक गहन और पारदर्शी जांच का वादा किया है।

सऊदी अरब के जानेमाने पत्रकार जमाल खशोगी के लापता होने के मामले के एक संदिग्ध के देश के शक्तिशाली प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ खास संबंध हैं। ‘दि न्यूयार्क टाइम्स’ ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही।

अखबार ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि तीन अन्य संदिग्धों का संबंध प्रिंस मोहम्मद की सुरक्षा व्यवस्था से है, वहीं पांचवां एक फॉरेंसिक डॉक्टर है।

‘न्यूयार्क टाइम्स’ की इस रिपोर्ट से मिलती जुलती रिपोर्ट ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ में भी प्रकाशित हुई है जिससे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे पर संदेह पैदा होता है कि पत्रकार के लापता होने के पीछे दुष्ट हत्यारों का हाथ हो सकता है।

सऊदी नागरिक खशोगी सलमान के बेटे शहजादा मोहम्मद की नीतियों के कटु आलोचक हैं। उनका विवाह होने वाला था और वह उसी से जुड़े कुछ कागजात लेने के लिए दो अक्टूबर को इंस्ताबुल में सऊदी वणिज्य दूतावास गए थे और इसके बाद से ही लापता हैं।

तुर्की के सरकारी सूत्रों का कहना है कि पुलिस के अनुसार 15 सऊदी अधिकारियों की एक विशेष टीम ने खशोगी की हत्या कर दी है और उन्हें इसी काम के लिए इस्तांबुल भेजा गया था। वहीं रियाद का कहना है कि पत्रकार वाणिज्य दूतावास से सुरक्षित निकला था।

द दाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उसने पता लगाया है कि उन 15 में से नौ अधिकारी सऊदी सुरक्षा सेवाओं, सेना अथवा सरकारी मंत्रालयों में काम करते थे।

रिपोर्ट में कहा गया कि एक संदिग्ध माहिर अब्दुल अजीज मुतरेब 2007 में लंदन में सऊदी दूतावास में राजदूत था। प्रिंस मोहम्मद की हालिया विदेश यात्राओं के दौरान वह उनके साथ था और दोनों की अनेक तस्वीरें भी सामने आई थीं।

समाचार पत्र ने कहा कि तीन अन्य संदिग्ध अब्दुल अजीज मोहम्मद अल हॉसावी, थार गालिब अल हराबी और मोहम्मद साद अलजाहरानी हैं।

पांचवां संदिग्ध अटॉप्सी विशेषज्ञ सालेह अल तुबैगी है। रिपोर्ट में कहा गया कि पांचों के संबंध किसी न किसी प्रकार से शीर्ष नेतृत्व से हैं।
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