#मी टू अभियान: राहुल ने कहा 'लोग महिलाओं के साथ गरिमा से पेश आने का सलीका सीखें, मेनका ने बनाई समिति
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Oct 12, 2018, 18:11 pm IST
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नई दिल्लीः कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को 'मी टू' मूवमेंट पर कहा कि बदलाव लाने के लिए सच को तेज और स्पष्ट तौर पर कहने की जरूरत है। राहुल ने ट्वीट कर कहा, 'अब समय आ गया है कि सभी लोग महिलाओं के साथ सम्मान और गरिमा से पेश आने का सलीका सीखें। मुझे खुशी है कि ऐसा नहीं करने वालों के लिए अब जगह खत्म हो रही है। बदलाव लाने के लिए सच को तेज और स्पष्ट तौर पर कहने की जरूरत है।'
राहुल ने गुरुवार को कहा था कि यह मुद्दा बहुत बड़ा है और बाद में संवाददाता सम्मेनल में इस पर विस्तार से बात करेंगे। इस बीच, केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी ने कहा है कि 'मीटू' मामलों की जन सुनवाई के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की चार सदस्यीय समिति गठित की जाएगी. उन्होंने कहा, 'वरिष्ठ न्यायाधीश, कानूनी विशेषज्ञों वाली प्रस्तावित समिति मी टू से उत्पन्न सभी मुद्दों को देखेगी. मैं प्रत्येक शिकायत की पीड़ा और सदमा समझ सकती हूं.' उन्होंने कहा कि मै हर शिकायत के पीछे का दर्द समझ सकती हूं. काम पर यौन उत्पीड़न के मामले को जीरो टोलरेंस के साथ नीति के साथ निपटाया जाना चाहिए. मेनका गांधी ने कहा, 'हमने न्यायधीशों का एक समूह बनाया है, जो कुछ मामलों को एक मुक्त और स्वतंत्र शैली में जाचेंगे और उन्हें सलाह देंगे कि अब यहां से कहां जाएं' महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि यौन उत्पीड़न की शिकायतों को 10-15 साल बाद भी अनुमति दी जानी चाहिए. साथ ही उन्होंने खुशी जताई कि 'मीटू' अभियान ने महिलाओं को उनके खिलाफ किए गए अपराधों के बारे में बात करने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने सोमवार को कहा, "आप हमेशा उस व्यक्ति को याद करेंगे, जिसने आपके साथ गलत किया है. यही कारण है कि हमने कानून मंत्रालय को लिखा है कि शिकायतें बिना किसी सीमा के होनी चाहिए. उन्होंने कहा, "अब आप 10-15 साल बाद शिकायत कर सकते हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने कितने दिन बाद मामले की शिकायत की है. अगर, आप शिकायत करने जा रहे हैं तो एवेन्यू अभी भी खुला है," मेनका गांधी ने कहा कि यौन उत्पीड़न मामले को लेकर गुस्सा कभी खत्म नहीं होता. इस बीच, देश में जारी ‘मी टू’ अभियान की लहर आज भी जारी रही और बॉलीवुड के शोमैन सुभाई घई और लेखक-निर्देशक पीयूष मिश्रा भी गुरुवार को निशाने पर आए। कामकाज की जगह पर होने वाले यौन शोषण के खिलाफ चल रही इस मुहिम का आज भी कई लोगों ने समर्थन किया, इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री स्मृति ने अपने साथी मंत्री एम जे अकबर से उनपर लगे यौन शोषण के आरोपों पर चुप्पी तोड़ने को कहा। तनुश्री दत्ता के यौन उत्पीड़न के आरोपों की शिकायत के बाद आज मुंबई पुलिस ने नाना पाटेकर, कोरियोग्राफर गणेश आचार्य सहित अन्य दो के खिलाफ जांच शुरू की। समाज में जोर पकड़ रहे ‘मी टू अभियान’ का एक प्रकार से समर्थन करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने गुरुवार को कहा कि इस बारे में आवाज उठाने वालों को इंसाफ मिलना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि इस तरह की आवाज उठाने वाली महिलाओं का उपहास नहीं उड़ाया जाना चाहिए। ईरानी ने अपने मंत्रिमंडल सहयोगी एम जे अकबर के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर बृहस्पतिवार को कुछ कहने से इनकार कर दिया। किन्तु उन्होंने यह जरूर कहा कि उन महिलाओं के साथ इंसाफ होना चाहिए जो अपनी बात रख रही हैं। वहीं भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा और कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने मामले पर कुछ भी कहने से मना कर दिया। भाजपा नेता अकबर अभी विदेश दौरे पर हैं । उनके रविवार को वापस लौटने की संभावना है। उन्होंने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। वहीं माकपा, शिवसेना ने अकबर के इस्तीफे की मांग की हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि ‘मी टू’ एक बड़ा अभियान है और ‘‘एक बड़ा मुद्दा’’ है। आगामी 2019 लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार पर इसका बुरा असर पड़ सकता है। आरएसएस के एक शीर्ष पदाधिकारी ने देश में वर्तमान में चल रहे ‘मी टू’ अभियान को समर्थन दिया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सर सहकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने आंखी दास के फेसबुक पोस्ट को अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर कर ‘मी टू’ अभियान पर अपने विचार व्यक्त किए। दास फेसबुक की पब्लिक पॉलिसी निदेशक हैं। दास ने अपने पोस्ट में कहा था, ‘‘जिन महिला पत्रकारों ने अपने उत्पीड़न के बारे में बताया था उनके समर्थन के लिए #मी टू की जरूरत नहीं है। आपको महिला होने की भी जरूरत नहीं है। आपको महज इतना संवेदनशील होने की जरूरत है कि क्या सही है और क्या गलत है।’’ होसबोले ने उनके पोस्ट को ट्वीट किया और कहा, ‘‘मैंने इसे लाइक किया। उन्होंने वहीं लिखा है जो मैं महसूस कर रहा था।’’ भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी सरकार से इस मामले पर निर्णय लेने को कहा। उन्होंने कहा कि वह (अकबर) सरकार का हिस्सा हैं और इस बारे में सरकार ही निर्णय करेगी । विभिन्न समाचार संस्थानों में संपादक पद पर रहते हुए अकबर पर कुछ महिला पत्रकारों के यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल मंत्रिमंडल से उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। |
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